इस बार भी आसमान में नहीं दिखेगा भारतीय वायु सेना का यह 'खास' शक्ति प्रदर्शन, जानें वजह
इस साल भारतीय वायु सेना का 200 विमानों को शामिल करने वाला महत्वपूर्ण हवाई अभ्यास आयरन फिस्ट नहीं होगा। लद्दाख सेक्टर में चीन के साथ सीमा पर तनाव के कारण IAF के जवान और विमान कई महीनो से अलर्ट पर थे...
इस साल भारतीय वायु सेना का 200 विमानों को शामिल करने वाला महत्वपूर्ण हवाई अभ्यास आयरन फिस्ट नहीं होगा। लद्दाख सेक्टर में चीन के साथ सीमा पर तनाव के कारण IAF के जवान और विमान कई महीनो से अलर्ट पर थे जिसके कारण उच्च गति के कई अभियान किए थे। इसलिए यह कार्यक्रम इस साल नहीं होगा।
भारत की वायु शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए हर तीन साल में भारतीय वायु सेना एक कार्यक्रम आयोजित करती है जिसका नाम है आयरन फिस्ट। एक्सरसाइज आयपन फिट को इसी महीने राजस्थान के पोखरण परीक्षण सुविधा में आयोजित किया जाना था, लेकिन इस साल इसे वायु सेना के ट्रेनिंग शेड्यूल से हटा दिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि भारतीय वायु सेना अपने उड़ान के घंटों और विमान दोनों का संरक्षण करना चाहती है। पिछले साल मई में चीन के साथ सीमा पर विवाद को सुलझाने के लिए भारतीय वायु सेना के जवान और विमान महीनों तक नहीं तैनात थे।
एक दूसरे अधिकारी ने बताया, “आयरन फिस्ट एक महत्वपूर्ण अभ्यास है जो हमें यह दिखाने की अनुमति देता है कि IAF कितना सक्षम है। इसे इस साल इसलिए आयोजित नहीं किया जा रहा है क्योंकि भारतीय वायुसेना का लद्दाख में यह साल काफी व्यस्त रहा है।"
2016 में आयरन फिस्ट के पिछले संस्करण में 103 लड़ाकू विमानों सहित कुल 181 विमानों ने भाग लिया था, जिसमें 572 रॉकेट, 81 बम और नौ मिसाइलें देखी गईं थी। जिसमें स्वदेशी एस्ट्रा परे-विजुअल-रेंज मिसाइल और आकाश मिसाइल शामिल थे।
आयरन फिस्ट का पहला संस्करण 2013 में आयोजित किया गया था। इसे 2019 में आयोजित नहीं किया गया था क्योंकि भारतीय वायुसेना ने चीन और पाकिस्तान दोनों के सामने युद्ध के लिए अपनी तत्परता और सहनशक्ति का परीक्षण करने के लिए 2018 में गगनशक्ति अभ्यास किया था।
IAF लद्दाख सेक्टर में दिन-रात, सभी मौसम से निपटने के अभियानों को अंजाम देने की अपनी क्षमता का अनुमान लगा रहा है, जिसमें फ्रंट-लाइन फाइटर जेट, अटैक हेलीकॉप्टर और मल्टी-मिशन हेलिकॉप्टर शामिल हैं। भारतीय वायुसेना ने लद्दाख क्षेत्र में अपने नए राफेल लड़ाकू जेट को भी तैनात किया, ताकि क्षेत्र में अपनी सैन्य मुद्रा को मजबूत करने के लिए भारत की ओवररचिंग योजना का हिस्सा बन सके।