IRCTC आपसे वसूल रहा ज्यादा किराया? आयोग ने दिए जांच के आदेश, 60 दिन में देनी होगी रिपोर्ट
प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने रेलवे टिकटों की बुकिंग के दौरान पांच रुपये के गुणांकों में ‘राउंडिंग आफ’ कर कथित रूप से ज्यादा राशि वसूलने जांच करने का आदेश दिया है। आयोग ने आईआरसीटीसी के निदेशक...
प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने रेलवे टिकटों की बुकिंग के दौरान पांच रुपये के गुणांकों में ‘राउंडिंग आफ’ कर कथित रूप से ज्यादा राशि वसूलने जांच करने का आदेश दिया है। आयोग ने आईआरसीटीसी के निदेशक से कहा कि वह 60 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट आयोग के सामने रखें।
आयोग ने यह आदेश दो यात्रियों- मीत शाह और आनंद रंधावा ने दी थी। उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर उन्हें पांच रुपये के गुणांक में राउंडिंग आफ कर दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि किराया 552 है तो आप से 555 रुपये ही वसूले जाएंगे। यहां तक कि यदि एक ही यात्रा के कई टिकट बुक कराए जाएं तो भी राउंडिंग आफ हर टिकट पर अलग से लिया जाता है, जिससे उपभोक्ता से काफी पैसा अतिरिक्त ले लिया जाता है।
उन्होंने कहा कि यदि सात रुपये वाले चार टिकट बुक करवाए जाएं तो कुल राशि 28 रुपये पर ही राउंडिंग आफ लगाकर 30 रुपये लेने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता हर टिकट पर अलग से राउंडिंग आफ करके पैसे वसूले जा रहे हैं। इस प्रकार सात रुपये का एक टिकट 10 रुपये में देकर चार टिकट 40 रुपये में दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आनलाइन लेन-देन में राउंडिंग आफ करने की जरूरत ही नहीं है। क्योंकि ई पेमेंट में रुपये और पैसे आसानी से काटे जा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे ने इसके जरिए 18 करोड़ रुपये कमा लिए हैं। क्योंकि रेलवे का बाजार में वर्चस्व है उसकी प्रतिस्पर्द्धा में कोई और कंपनी नहीं है। उपभोक्ता को आईआरसीटीसी के पास ही जाना पड़ता है। यह कंपटीशन कानून की धारा 4 का उल्लंघन है।
सुनवाई के दौरान आईआरसीटीसी और रेलवे ने इसका बचाव किया तथा कहा कि रेलवे एक्ट की धारा 30 में इसके बारे में प्रावधान है। उन्होंने कहा कि रेलवे की संचालन लागत बहुत ज्यादा है और लोगों को टिकट बहुत अधिक सब्सिडी पर दिया जाता है। वहीं राउंडिंग आफ करने से लेन-देन के समय की बचत होती है तथा बुकिंग प्रक्रिया तेजी से निपट जाती है। राउंडिंग आफ से आया पैसा किसी अलग खाते में नहीं जाता।
लेकिन प्रतिस्पर्द्धा आयोग रेलवे की इन दलीलों से सहमत नहीं हुआ। आयोग के अध्यक्ष सुधीर मित्तल, सदस्य आगस्टीन पीटरऔर यूसी नाहटा ने कहा कि राउंडिंग आफ बिना किसी तार्किक कारण के किया जा रहा है। प्रथम दृष्टया लगता है कि पांच रुपये के गुणांकों में राउंडिंग आफ करना धारा 4 के विरुद्ध है। इसलिए महानिदेशक को आदेश दिया जाता है कि वह जांच कर मामले की रिपोर्ट 60 दिन में आयोग के समक्ष रखें।