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अंतरिम बजट: रक्षा चुनौतियों से निपटने को 35% अधिक बजट की दरकार

आम चुनावों से पहले केंद्र सरकार अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। इसमें एक तरफ जहां सरकार पर समाज के विभिन्न तबकों के लिए कुछ लोक लुभावना योजनाएं लाने का दबाव है। वहीं रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन भी एक...

अंतरिम बजट: रक्षा चुनौतियों से निपटने को 35% अधिक बजट की दरकार
मदन जैड़ा,नई दिल्लीTue, 22 Jan 2019 06:01 AM
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आम चुनावों से पहले केंद्र सरकार अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। इसमें एक तरफ जहां सरकार पर समाज के विभिन्न तबकों के लिए कुछ लोक लुभावना योजनाएं लाने का दबाव है। वहीं रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन भी एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि जरूरतों को पूरा करने के लिए गत वर्ष के बजटीय आवंटन के मुकाबले इस साल 35 फीसदी अधिक राशि की दरकार है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार बजट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन इसमें तीन बड़ी चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बजटीय आवंटन में 30-35 फीसदी तक की बढ़ोतरी करने की जरूरत है।

रक्षा मंत्रालय का पिछले साल का बजट करीब चार लाख करोड़ रुपये का करीब था। लेकिन इसमें एक बड़ी राशि 1.08 लाख करोड़ रुपये 24 लाख भूतपूर्व सैनिकों के पेंशन के लिए दी गई थी। जो उसके पहले वर्ष की तुलना में 24 फीसदी अधिक थी। इस बार यह बढ़ोतरी 30 फीसदी तक होने के आसार हैं। बाकी 2,95,511 करोड़ का प्रावधान सेना के अन्य खर्चो और आधुनिकीकरण आदि के लिए किया गया था। यदि पेंशन की राशि को छोड़ दिया जाए, तो पिछले साल रक्षा बजट में महज सात-आठ फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन इस बार स्थितियां अलग हैं।

सूत्रों के अनुसार राफेल की 13 हजार करोड़ रुपये के भुगतान का इंतजाम बजट में रखना होगा। दूसरे, एचएएल के पुराने बकाए 14 हजार करोड़ का भुगतान भी वायुसेना को करना है। यह मामला हाल में सुर्खियों में तब आया था जब एचएएल के चेयरमैन ने कहा था कि उन्हें वेतन देने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। आरोप थे कि राफेल को जो 34 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, उसकी वजह से एचएएल का भुगतान लटक गया। दूसरे, एचएएल को करीब एक लाख करोड़ रुपये के रक्षा निर्माण के ठेके दिए गए हैं। लेकिन उसे कोई अग्रिम धनराशि नहीं दी गई है। सरकार पर दबाव है कि इन पर काम शुरू करने के लिए एचएएल को आवंटन करना होगा। राफेल को लेकर एचएएल पहले में सुर्खियों में है।

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रक्षा बजट

  • 2018-19        2,95,511 करोड़
  • 2017-18        2,74,114 करोड़

रक्षा आधुनिकीकरण बजट

  • 2018-19        99 हजार करोड़
  • 2017-18        85 हजार करोड़

रक्षा पेंशन बजट

  • 2018-19        1.08 लाख करोड़
  • 2017-18        82,620 करोड़

पिछले बजट का कुल आकार- 24.42 लाख करोड़
कुल रक्षा बजट- 4.04 लाख करोड़

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सैनिकों से अधिक भूतपूर्व सैनिकों पर खर्च

  • 1,03,095 करोड़ रुपये खर्च तीनों सैनिकों के वेतन और भत्तों पर
  • 1,08,853 करोड़ रुपये का खर्च पूर्व सैनिकों के पेंशन पर आया

तीन चुनौतियां जिनका निकालना होगा समाधान

  • 13 हजार करोड़ रुपये का भुगतान राफेल विमान के लिए  अगले वित्तवर्ष करना
  • 14 हजार करोड़ का पुराना बकाया एचएएल का, एक लाख करोड़ के नए ठेके भी
  • 30 फीसदी की खर्च में बढ़ोतरी सैनिकों के पेंशन में मद होने की संभावना
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