हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे थे कनाडाई राजनयिक, भारत ने ही दिया निकासी का आदेश
कनाडा ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारत में अपने राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है और उसने अपने कर्मचारियों की मौजूदगी को 'अस्थायी रूप से' समायोजित करने का निर्णय लिया।

भारत ने कनाडाई राजनयिकों पर देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का बड़ा आरोप लगाया है। इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए भारत ने कनाडाई अधिकारियों को पहले ही सूचित कर दिया है कि वह देश में उनके राजनयिकों की संख्या में कमी चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने कनाडा सरकार को सूचित किया है कि आपसी राजनयिक उपस्थिति में संख्या और रैंक में समानता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने कनाडा को बता दिया है कि भारत में उसके उतने ही कर्मचारी होने चाहिए जितने की भारत के कनाडा में हैं।
बागची ने कहा, "यहां उनकी संख्या भारत की राजनयिक उपस्थिति से बहुत अधिक है। हमने अपने आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिक हस्तक्षेप देखा है। इसे ध्यान में रखा जा रहा है और रैंक और राजनयिक ताकत में समानता की मांग की जा रही है। हमें लगता है कि कनाडाई संख्या कम हो जाएगी। चर्चा चल रही है।'' विदेश मंत्रालय का ये बयान ऐसे समय में आया है जब कनाडा ने भारत में अपने राजनयिकों की संख्या कम कर रहा है।
कनाडा ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारत में अपने राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है और उसने अपने कर्मचारियों की मौजूदगी को 'अस्थायी रूप से' समायोजित करने का निर्णय लिया। ऐसा दावा किया जा रहा है कि कुछ राजनयिकों को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर धमकियां मिली हैं। हालांकि अब स्पष्ट है कि भारत सरकार ने खुद कनाडा से अपने राजनायिकों की संख्या करने को कहा है।
इससे पहले कनाडाई उच्चायोग ने कहा कि ओटावा को उम्मीद है कि नई दिल्ली भारत में अपने राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करेगी और उसने एहतियात के तौर पर देश में अपने कर्मचारियों की मौजूदगी को ''अस्थायी रूप से'' समायोजित करने का निर्णय लिया है।
जून में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की “संभावित” संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े राजनयिक तनाव के बीच उच्चायोग की यह टिप्पणी सामने आई है। भारत ने मंगलवार को ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका'' बताकर खारिज कर दिया था और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था।
उच्चायोग ने कहा, ''मौजूदा माहौल को देखते हुए जहां तनाव बढ़ गया है, हम अपने राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं। कुछ राजनयिकों को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर धमकियां मिलने के बाद, 'ग्लोबल अफेयर्स कनाडा' भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या का आकलन कर रहा है।''
'ग्लोबल अफेयर्स कनाडा' कनाडा के राजनयिक और दूतावास संबंधी मामलों को देखता है। उसने कहा, ''हमने एहतियातन भारत में कर्मचारियों की मौजूदगी को अस्थायी रूप से समायोजित करने का निर्णय लिया है।'' उच्चायोग ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि 'ग्लोबल अफेयर्स कनाडा' ''स्थानीय कर्मचारियों समेत हमारे सभी कर्मियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा के लिए उचित कदम उठाना जारी रखेगा।''
