‘वंतारा’ में रखा जाता है हाथियों का ख्याल, अनंत अंबानी ने शुरू किया खास प्रोजेक्ट
अपनी मां से प्रेरित होकर अनंत अंबानी ने एक खास प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजक्ट का नाम है, वंतारा यानी जंगल का सितारा। इस प्रोजेक्ट के जरिए जरूरतमंद जंगली जानवरों को बचाया जाएगा और सेवा होगी।
अपनी मां से प्रेरित होकर अनंत अंबानी ने एक खास प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजक्ट का नाम है, वंतारा यानी जंगल का सितारा। इस प्रोजेक्ट के जरिए जरूरतमंद जंगली जानवरों को बचाया जाएगा और उनकी सेवा की जाएगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज एंड रिलायंस फाउंडेशन ने सोमवार को गुजरात के ग्रीनलैंड में इसकी शुरुआत की। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक अनंत अंबानी ने इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राधा कृष्ण एलीफैंट वेलफेयर ट्रस्ट में हमने पूरे भारत से 200 से ज्यादा हाथियों को बचाया है।
माता-पिता से प्रेरणा
अनंत अंबानी ने बताया कि मेरे माता-पिता बचपन से ही एनिमल लवर हैं। बचपन में उन लोगों ने 30-35 स्ट्रे डॉग्स को एडॉप्ट किया था। उन्होंने कहाकि मैंने यह काम बचपन से शुरू किया था। जैसा कि हमारे हिंदू धर्म में कहा जाता है कि हर भगवान का कोई न कोई पसंदीदा जानवर होता है और मैंने उसी के अनुसार किया। पशु सेवा सबसे महत्वपूर्ण थी और मेरे जैसे कई लोग उनकी सेवा कर रहे हैं। अधिक लोगों को ऐसा करना चाहिए। अनंत अंबानी ने कहाकि यह कोई चिड़ियाघर नहीं, बल्कि सेवालय है। हम अपना पूरा काम सेवाभाव से करते हैं। उन्होंने कहाकि मेरा यकीन है कि हाथी भगवान गणेश का रूप हैं। इसलिए मैं हाथियों की सेवा इसी भाव से करता हूं, जैसे भगवान गणेश की सेवा कर रहा हूं।
ताकि जंगल जैसा हो एहसास
अनंत अंबानी ने बताया कि हमने एक न्यूट्रिशन लैब और किचन तैयार किया है। हमने 600 एकड़ की जगह तैयार की है, ताकि हाथी प्राकृतिक वातावरण में बिल्कुल फ्री होकर रह सकें। उन्हें ऐसा एहसास हो कि वह जंगल में ही रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा हाथियों की सर्जरी का भी इंतजाम यहां पर है। इस जगह पर 14 हजार स्क्वॉयर फीट में एक खास किचन तैयार किया गया है। यहां पर अलग-अलग हाथियों के स्वास्थ्य और जरूरतों के हिसाब से खाना तैयार किया जाता है। इसके अलावा हाथियों की देखरेख के लिए आयुर्वेदिक टेक्नीशियंस को भी तैनात किया गया है। इसमें हॉट ऑयल मसाल से लेकर मुल्तानी मिट्टी का लेप तक शामिल है। आयुर्वेद डॉक्टर हाथियों के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए 24 घंटे काम करते रहते हैं।