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भारतीय नौसेना को मिली 'खंडेरी' की ताकत, हिंद महासागर में दुश्मनों पर होगी अचूक नजर

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि कुछ ऐसी ताकतें हैं जो भारत के तटीय क्षेत्र में मुंबई जैसे हमले दोबारा करना चाहती हैं, लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं होने दिए जाएंगे। रक्षा मंत्री ने मझगांव...

भारतीय नौसेना को मिली 'खंडेरी' की ताकत, हिंद महासागर में दुश्मनों पर होगी अचूक नजर
लाइव हिन्दुस्तान टीम,मुंबईSat, 28 Sep 2019 10:59 AM
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि कुछ ऐसी ताकतें हैं जो भारत के तटीय क्षेत्र में मुंबई जैसे हमले दोबारा करना चाहती हैं, लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं होने दिए जाएंगे। रक्षा मंत्री ने मझगांव बंदरगाह शिपबिल्डर्स लिमिटेड में आईएनएस खंडेरी को नौसेना में शामिल किए जाने के बाद कहा कि क्षेत्र में शांति बाधित करने वाले लोगों के खिलाफ नौसेना कड़ी कार्रवाई करेगी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दुनिया के हर दरवाजे पर दस्तक दे रहें हैं और अपना मजाक उड़वाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान को यह समझने की जरूरत है कि भारतीय नौसेना खंडेरी के शामिल होने के बाद पहले से ज्यादा मजबूत हुई है, और सरकार सशस्त्र बलों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।"

संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन के एक दिन बाद सिंह ने उन पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान के प्रधानमंत्री दुनिया में हर दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं और अपना मजक उड़वाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं।" वहीं पनडुब्बी के नौसेना में शामिल किए जाने पर कहा, ''यह हमारे लिए बेहद गर्व की बात है कि भारत उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो अपनी पनडुब्बी खुद बनाते हैं।"

खंडेरी, फ्रांस और भारत की तकनीक से मिलकर मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में ही तैयार हुई है। इसे ‘साइलंट किलर’ भी कहा जा रहा है। 2006 में फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप के साथ 3.75 अरब डॉलर से छह पनडुब्बी तैयार करने का एक करार हुआ था। पहली पनडुब्बी 2012 में मिलनी थी, किन्ही कारणों से ऐसा नहीं हो पाया।

2017 में समुद्र में उतरी
खंडेरी पहली बार एक जून, 2017 को समुद्र में उतारी गई थी। यह तब से लेकर अपनी तैरने, आगे बढ़ने और संघर्ष करने की काबिलियत को कई बार समुद्री परीक्षण में दिखा चुकी है। समुद्र में सभी परीक्षण पूरे होने के बाद 19 सितंबर, 2019 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (एमडीएल) ने इसे नौसेना के सुपुर्द कर दिया।

‘अखंड अभेद्य अदृश्य’
पनडुब्बी का आदर्शवाक्य ‘अखंड अभेद्य अदृश्य’ इसके चालकदल की एकता और अदम्य साहस का प्रतीक है। यह पोत की क्षमता और पनडुब्बी के निर्माता की ताकत का भी द्योतक है। आदर्शवाक्य हर समय युद्ध के लिए हथियार को तैयार रखने के जज्बे को भी जीवित रखता है।  

(इनपुट एजेंसी से भी)

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