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बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सरकार बढ़ाना चाहती है निवेश- सुभाष गर्ग

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की चीफ क्रिस्टीन लेगार्ड ने भारत की अर्थव्यवस्था के सही ट्रेक पर होने की बात कहकर देशभर में इसके खिलाफ उठ रहे सावलों को ठंडा कर दिया था। अब देश के आर्थिक मामलों के सचिव...

बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सरकार बढ़ाना चाहती है निवेश- सुभाष गर्ग
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 17 Oct 2017 06:05 PM
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की चीफ क्रिस्टीन लेगार्ड ने भारत की अर्थव्यवस्था के सही ट्रेक पर होने की बात कहकर देशभर में इसके खिलाफ उठ रहे सावलों को ठंडा कर दिया था। अब देश के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने भारत में आर्थिक सुधार के लिए दो प्रथमिकताएं बताई हैं। 

गर्ग ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र यानि इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ाना और बाजार में दिवालिया स्तिथी को दुरुस्त करना इस समय सरकार की दो सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताएं हैं। गर्ग ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत में दिवाला इकाइयों को भंग करने का कोई ढांचा नहीं है। इस क्षेत्र में सुधार से एक अत्याधुनिक प्रणाली लाने में मदद मिलेगी जो सख्त और कड़ाई वाली समयसीमा के हिसाब से काम करेगी।

बता दें कि सुभाष चंद्र गर्ग IMF और विश्व बैंक की सालाना बैठक में भाग लेने गए वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। उन्होंने कहा कि आगे चलकर भारत को बुनियादी ढांचा क्षेत्र में और निवेश की जरूरत होगी। इस क्षेत्र में निवेश से भारत बेहतर अर्थव्यवस्था, बेहतर जीवन और बेहतर प्रबंधन की अपनी बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा कर सकता है। गर्ग ने कहा, ‘मेरे हिसाब से सबसे प्रमुख नीतिगत प्राथमिकता निवेश बढ़ाना, बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश लाना हैं। यह काफी महत्वपूर्ण हैं।’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा दिवाला सुधार भी उनके एजेंडा में पहले नंबर पर है।

गर्ग ने कहा कि दिवाला सुधारों से बैंकिंग क्षेत्रों का प्रदर्शन सुधरेगा। उन्होंने कहा कि आगे चलकर ये दोनों चीजें महत्वपूर्ण होंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक बड़ी जरूरत भारत को औपचारिक अर्थव्यवस्था और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने की है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले आईएमएफ चीफ क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा था कि हमने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर का अनुमान घटाया है लेकिन हमारा भरोसा है कि भारत मीडियम और लॉन्ग टर्म में विकास के रास्ते पर है। आईएमएफ चीफ का कहना था कि पिछले दशकों में इकॉनमी में किए गए संरचनात्मक बदलाव की वजह से भारत को बेहतर परिणाम मिला है। 
 

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