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पुण्यतिथि विशेष: इंदिरा गांधी के मजबूत इरादों के आगे कुछ इस तरह परास्त हो गया था पाक

भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मंगलवार को 33वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की। पूर्वी पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब...

पुण्यतिथि विशेष: इंदिरा गांधी के मजबूत इरादों के आगे कुछ इस तरह परास्त हो गया था पाक
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान Tue, 31 Oct 2017 12:14 PM
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भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मंगलवार को 33वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की। पूर्वी पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत कई शक्ति स्थल पहुंचे। 

'आयरन लेडी' के नाम से मशहूर इंदिरा गांधी के मजबूत इरादों के आगे साल 1971 में पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया था। दरअसल, पाकिस्तानी सरकार और सेना लगातार पू्र्वी पाकिस्तान में नागरिकों को परेशान कर रही थी। उनके ऊपर तरह तरह के जुल्म किए जा रहे थे। इसी वजह से वहां के नागरिकों ने पाक सरकार व सेना के खिलाफ बगावत शुरू कर दी। जुल्मों से बचने के लिए तकरीबन दस लाख पाक नागरिक भारत की सीमा में दाखिल होने लगे थे। 

भारत की सीमा में पू्र्वी पाकिस्तान के नागरिकों के घुसने की वजह से माहौल काफी अशांति वाला होने लगा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उस समय सेना से किसी भी लड़ाई के लिए तैयार रहने के लिए कह दिया। पाकिस्तान को लगातार चीन और अमेरिका का भी साथ मिल रहा था।

इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को इंटरनेशनल कम्यूनिटी में पाक को घेरने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। इस पूरे मुद्दे पर शुरुआत में अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान का अंदरूनी मामला होने की बात कही। अमेरिका का कहना था कि चूंकि यह दो देशों के बीच का मामला है, इसलिए दोनों देश मिलकर पूरे मामले को सुलझाएं। 

अमेरिका के इस रुख को देखते हुए इंदिरा गांधी ने कहा कि यदि इससे भारत में शांति रखने में दिक्कत आ रही है तो ऐसे में वह पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगी।

पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने दी जंग की धमकी 

इसी मामले के दौरान पाकिस्तान राष्ट्रपति याहया खान ने भारत के सामने युद्ध की गीदड़भभकी दे दी। इसके अलावा राष्ट्रपति ने दस दिनों के अंदर युद्ध की धमकी भी दी। 

4 दिसंबर से ऑपरेशन ट्राइडेंट शुरू

ऑपरेशन ट्राइडेंट के चार दिसंबर से शुरू होने के बाद भारतीय सेना के साथ साथ नौसेना ने भी कमान संभाल ली। इसके अगले दिन भारत ने पाकिस्तान के नौसेनिक हेडक्वार्टर को ध्वस्त कर दिया। वहीं, युद्ध खत्म होने से पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश को मान्यता दे दी। बांग्लादेश अब पूर्वी पाकिस्तान न होकर बांग्लादेश के नाम से एक नया राष्ट्र बन गया था। 

पाक सेना के कमांडर ने किया भारत के सामने सरेंडर

जंग के दौरान पाकिस्तान पूरी तरह से घिर चुका था। 14 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना के कमांउर एके नियाजी ने घुटने टेकते हुए भारतीय सेना के सामने सरेंडर कर दिया।

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