संतों की धमकी का असर, विवाद के बाद रामायण एक्सप्रेस में बदली गई वेटर्स की वर्दी, मगर...
रेलवे ने सोमवार को रामायण एक्सप्रेस में अपने वेटर्स की वर्दी में बदलाव किया है। रेलवे ने उज्जैन के संतों द्वारा वेटर्स की भगवा पोशाक पर आपत्ति जताए जाने के बाद यह बदलाव किया है। संतों ने वेटर्स की...
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रेलवे ने सोमवार को रामायण एक्सप्रेस में अपने वेटर्स की वर्दी में बदलाव किया है। रेलवे ने उज्जैन के संतों द्वारा वेटर्स की भगवा पोशाक पर आपत्ति जताए जाने के बाद यह बदलाव किया है। संतों ने वेटर्स की भगवा पोशाक को हिंदू धर्म का अपमान बताते हुए इसको बदले ना जाने पर 12 दिसंबर को दिल्ली में ट्रेन रोकने की धमकी दी थी।
भारतीय रेलवे ने एक बयान में कहा कि यह सूचित किया जाता है कि वेटर्स की पेशेवर पोशाक पूरी तरह से बदल दी गई है। असुविधा के लिए खेद है। जानकारी के मुताबिक, नए बदलाव के तहत रेलवे ने वेटर्स के लिए वर्दी के तौर पर सामान्य शर्ट, पतलून और पारंपरिक टोपी को अपनाया है। हालांकि वेटर्स भगवा मास्क और दस्ताने पहने रहेंगे।
Indian Railways withdraws saffron attire of its serving staff on board the Ramayana Special Trains following objections
— ANI (@ANI) November 22, 2021
"Dress of service staff is completely changed in the look of professional attire of service staff. Inconvenience caused is regretted," says the Railways pic.twitter.com/ANsqHUQQzU
उज्जैन अखाड़ा परिषद के पूर्व महासचिव अवधेशपुरी ने कहा कि हमने दो दिन पहले रेल मंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसमें हमने रामायण एक्सप्रेस में जलपान और भोजन परोसने वाले वेटर्स के भगवा पोशाक पहनने को लेकर विरोध जताया था। उन्होंने कहा कि साधु की तरह टोपी के साथ भगवा पोशाक पहनना और रुद्राक्ष की माला (हार) पहनना हिंदू धर्म और उसके संतों का अपमान है।
गौरतलब है कि पहली रामायण सर्किट ट्रेन 7 नवंबर को सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना हुई थी। यह ट्रेन भगवान राम के जीवन से जुड़े 15 स्थानों का भ्रमण करेगी। ट्रेन अपने रूट के तहत 7,500 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए, ट्रेन तीर्थयात्रियों को अयोध्या, प्रयाग, नंदीग्राम, जनकपुर, चित्रकूट, सीतामढ़ी, नासिक, हम्पी और रामेश्वरम जैसे स्थानों पर ले जाएगी।