युद्धपोत: दुशमन देश की पनडुब्बी को ध्वस्त करने वाला ये शस्त्र भारतीय नौसेना में शामिल
भारत में तैयार हुए स्टील्थ कर्वेट आईएनएस किलतान को आज भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया। सोमवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुश्मनों की पनडुब्बी को नष्ट करने वाले आईएनएस किलतान को पूर्वी...
भारत में तैयार हुए स्टील्थ कर्वेट आईएनएस किलतान को आज भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया। सोमवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुश्मनों की पनडुब्बी को नष्ट करने वाले आईएनएस किलतान को पूर्वी नौसेना कमान में जहाजी बेडे में शामिल किया। अधिकारिक जानकारी के मुताबिक भारतीय नौसेना के शस्त्रागार में शामिल होने वाले शिवालिक श्रेणी, कोलकाता श्रेणी और आईएनएस कमोर्ता और आईएनएस कदमट्ट के बाद इसी श्रेणी का तीसरा किलतान नया स्वदेशी युद्धपोत है।
ये हैं किलतान की खूबियां
- किलतान की 3500 टन जल विस्थापन क्षमता है।
- इस युद्धपोत की लंबाई 109 मीटर है।
- यह समुद्र में 5550 वर्ग किलोमीटर के एरिया की निगरानी कर सकता है।
- यह युद्धपोत 25 नॉटिकल माइवल प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा।
- आस्मान में उड़ने वाले लाड़ाकू विमानों को नष्ट करने के लिए इसमें 76.6 मिलिमीटर की विमान रोधी बंदूक लगी है।
- दुश्मन की पंडुब्बियों को ध्वस्त करने के लिए इसमें बराक मिसाइलों का इस्तेमाल किया जाएगा।
- टारपीडो दागने के लिए इसमें ट्यूब और एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर मौजूद है।
बता दें कि किलतान भारत का पहला मुख्य युद्धपोत है जो कार्बन फाइबर से बना है जिससे इसकी स्टील्थ विशिष्टताएं उन्नत हुई हैं और मरम्मत की लागत कम हुई है। आईएनएस किलतान पहला बड़ा युद्धपोत है जिसने प्रायोगिक परियोजना के तौर पर सभी मुख्य हथियारों और सेंसरों का समुद्र में परीक्षण किया है और वह भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने के दिन से ही संचालन के लिए तैयार है।
भविष्य में इस युद्धपोत पर छोटी दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली और पनडुब्बी रोधी युद्धपोत हेलिकॉप्टर भी तैनात किए जाएंगे। इस जहाज का नाम लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप समूह के नजदीक स्थित एक द्वीप के नाम पर है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एच एस बिष्ट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी यहां नौसेना डॉकयार्ड में कार्यक्रम में शामिल हुए। रक्षा मंत्री सीतारमण ने इस मौके पर कहा, 'आईएनएस किलतान हमारी रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और चूंकि यह पूरी तरह यहां बना है तो यह हमारे मेक इन इंडिया कार्यक्रम में चमकता पोत होगा।'