सेना को मिलेंगे 1.85 लाख नए राइफल, खरीद प्रक्रिया में आई तेजी
सेना की ओर से स्वदेश निर्मित 'एसॉल्ट राइफल' को खारिज किए जाने के कुछ सप्ताह बाद सरकार ने पुरानी हो रही इंसास राइफलों को बदलने के लिए उच्च कैलिबर की 1.85 लाख राइफलों की खरीद की प्रक्रिया तेज...
सेना की ओर से स्वदेश निर्मित 'एसॉल्ट राइफल' को खारिज किए जाने के कुछ सप्ताह बाद सरकार ने पुरानी हो रही इंसास राइफलों को बदलने के लिए उच्च कैलिबर की 1.85 लाख राइफलों की खरीद की प्रक्रिया तेज करने का निर्णय किया है।
सेना 7.62x51 एम एम राइफलों की आपूर्ति की प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दे रही है। सेना ने विशेष रूप से कम से कम 65000 राइफलों की तत्काल खरीद करने की मांग की है, जिससे कि सीमाई क्षेत्रों और आतंकवाद निरोधक अभियानों में उसकी गोलीबारी की ताकत बढ़ सके। सूत्रों ने कहा कि असाल्ट राइफलों के बारे में सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध किए जाने पर करीब 20 बंदूक निमार्ताओं का जवाब आया है, जिसमें से कई विदेशी कंपनियां हैं।
स्वदेश निर्मित 'असॉल्ट राइफल' से संतुष्ट नहीं थी सेना
गत महीने सेना ने सरकारी राइफल कारखाना, इच्छापुर की ओर से निर्मित 7.62x51 एमएम राइफल को उसकी खराब गुणवत्ता और अप्रभावी गोलीबारी ताकत का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था। सेना को असाल्ट राइफलों की तत्काल जरूरत है और राइफलों की निविदा अगले कुछ महीनों में पूरी होने की उम्मीद है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि राइफल कारखाने की ओर से निर्मित बंदूकों में कई खामियां थीं और सेना की ओर से इन्हें इस्तेमाल किए जाने पर विचार के लिए इनकी मैगजीन को फिर से डिजाइन किए जाने की जरूरत थी। सेना ने गत महीने एक और स्वदेश निर्मित 'असॉल्ट राइफल' को मानक पूरा नहीं करने के चलते खारिज कर दिया था, जिसे 5.56 एमएम एक्सकैलिबर राइफल कहा जाता है।