Hindi Newsदेश न्यूज़Indian delegate at the UN General Assembly Hall walked out when Pakistan PM Imran Khan began his speech

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के भाषण का भारत ने किया बहिष्कार, राइट टू रिप्लाई में जवाब देने की तैयारी

संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण का भारत ने बहिष्कार किया है। जैसे ही भाषण के लिए इमरान खान का नाम लिया गया वैसे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सभा से उठ कर बाहर...

Ashutosh Ray लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीFri, 25 Sep 2020 07:28 PM
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संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण का भारत ने बहिष्कार किया है। जैसे ही भाषण के लिए इमरान खान का नाम लिया गया वैसे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सभा से उठ कर बाहर चले गए। दरअसल, भारत ने यह बहिष्कार पाकिस्तान की ओर से कश्मीर मुद्दा उठाने और भारत के खिलाफ बयान देने को लेकर किया है। 

संयुक्त राष्ट्र सभा को संबोधित करते हुए इमरान खान को एक बार फिर झूठ का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि आरएसएस गांधी और नेहरू के सेक्युलर मूल्यों को पीछे छोड़कर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र सभा को संबोधित करेंगे। ऐसे में संभावना है कि पीएम मोदी अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान को करारा जवाब दे सकते हैं।

वहीं, यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि ने इमरान खान के बयान को कूटनीतिक तौर पर निम्नस्तर का बताया। उन्होंने कहा कि इमरान खान का बयान झूठे इल्जाम लगाना, व्यक्तिगत हमले करना, अपने देश में अल्पसंख्यकों का हाल न देखकर भारत पर टिप्पणी करना शामिल था। उन्होंने कहा कि राइट टू रिप्लाई में जवाब दिया जाएगा।

भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के इस तर्क को खारिज कर दिया कि कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में सबसे लंबे समय से विवादों में से एक है। साथ ही पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने के अधूरे काम पर ध्यान केंद्रित करने की भी नसीहत दी थी। संयुक्त राष्ट्र की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक वीडियो संदेश में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों की सराहना की थी, लेकिन ''विफलताओं और कमियों'' का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा था, “संगठन केवल उतना ही अच्छा है जितना उसके सदस्य कहते हैं कि यह होना चाहिए। जम्मू और कश्मीर और फिलिस्तीन विवाद सबसे लंबे समय से चल रहे विवादों में से है। जम्मू-कश्मीर लोग अभी भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा उन्हें निर्णय लेने के अधिकार को देने के लिए की गई प्रतिबद्धता की पूर्ति का इंतजार कर रहे हैं।”

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