कोडवर्ड में ISI तक मैसेज पहुंचा रहा था फौजी! कईयों पर बैठ सकती है जांच
आईएसआई एजेंटों के संपर्क में आया मेरठ कैंट में तैनात फौजी कंचन सिंह पर सेना के गोपनीय कोड लीक करने का भी आरोप सामने आ रहा है। सेना में आठ से दस लोगों को कोड में संदेश मिलते हैं। इन सबको मिलाकर डीकोड...
आईएसआई एजेंटों के संपर्क में आया मेरठ कैंट में तैनात फौजी कंचन सिंह पर सेना के गोपनीय कोड लीक करने का भी आरोप सामने आ रहा है। सेना में आठ से दस लोगों को कोड में संदेश मिलते हैं। इन सबको मिलाकर डीकोड करते हैं तो पूरा संदेश बनता है। सूत्रों के अनुसार यही कोड लीक हो रहे थे। माना जा रहा है कि इसी के चलते कई अन्य लोग भी इस लूप में हो सकते हैं। यानी इस मामले में कई अन्य लोग जांच के दायरे में हैं।
सैन्य सूत्रों के अनुसार जवान कंचन सिंह पाकिस्तान को गुप्त सूचनाएं और कोडवर्ड भेजने का काम कर रहा था। वह पाकिस्तान के फोन नंबरों पर भी कई बार बात भी करचुका था। जानकारी यह भी मिली है कि पकड़े गए जवान ने व्हॉट्सएप के जरिए कोडवर्ड लीक किए। सेना इंटेलिजेंस को कई महीने पहले ही इसके इनपुट मिले तो वह रडार पर आ गया।
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जवान पर पूरी तरह से शक होने के बाद उस पर बीते तीन माह से पैनी नजर रखी जा रही थी। सबूत पुख्ता होने के बाद उसे उठा लिया गया। सिग्नल कोर सेना का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसके पास सेना की तमाम महत्वपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध होती हैं।
सेना के संदेश कोडवर्ड में होते हैं और कोडवर्ड एक अधिकारी या जवान के पास न होकर कई अधिकारियों और जवानों के कोडवर्ड को एक कर पूरा किया जाता है। सूत्रों के अनुसार पकड़ा गया जवान अकेले यह काम नहीं कर सकता, उसके साथ आठ से दस लोग भी शामिल हो सकते हैं। मामले की तह तक जाने के लिए पूरी पड़ताल की जा रही है। इसकी जानकारी सेना के मुख्यालय और गृह मंत्रालय को भी दी जा चुकी है। मेरठ की सैन्य छावनी से पहली बार किसी सैनिक को पाकिस्तान के लिए जासूसी करते गिरफ्तार किया गया है।
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