चीन की कूटनीतिक घेरेबंदी को जारी रखेगा भारत, ड्रैगन के हर कदम की व्यापक समीक्षा के बाद उठाएगा कोई कदम
भारत सीमा पर तनाव कम करने के लिए लिए उठाए गए कदमों के साथ चीन की कूटनीतिक घेरेबंदी जारी रखेगा। व्यापार के मोर्चे पर चीन का दबदबा कम करने के लिए उठाए गए कदमों को भी आगे बढ़ाया जाएगा। रणनीतिक स्तर पर...
भारत सीमा पर तनाव कम करने के लिए लिए उठाए गए कदमों के साथ चीन की कूटनीतिक घेरेबंदी जारी रखेगा। व्यापार के मोर्चे पर चीन का दबदबा कम करने के लिए उठाए गए कदमों को भी आगे बढ़ाया जाएगा। रणनीतिक स्तर पर चीन के हर कदम की व्यापक समीक्षा के बाद जवाबी कदम उठाए जाएंगे।
सूत्रों ने कहा कि कूटनीतिक स्तर पर बनाए गए दबाव के चलते ही चीन फिलहाल कदम पीछे खींचने को मजबूर हुआ है। अमेरिका, रूस, जापान, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों से भारत को सीमा तनाव मुद्दे पर समर्थन मिला। इतना ही नहीं अमेरिका लगातार भारत से खुफिया सूचनाएं साझा कर रहा है।
खुफिया नेटवर्क मजबूत होगा
चीन केंद्रित खुफिया सूचनाओं का नेटवर्क भी काम कर रहा है। इसके जरिये सीमा पर हर गतिविधि पर नजर बनाए रखने में देशों के बीच सहयोग भी बढ़ाया जाएगा।
कई मोर्चे पर घेराव
तनाव के बीच आसियान देशों की ओर से भी चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ बयान सामने आया। कोविड पर पहले ही घिरे चीन के खिलाफ हांगकांग मुद्द पर कई देश मुखर हुए। भारत ने भी पहली बार हांगकांग के मसले पर खुलकर बयान दिया।
सहयोगी देशों से बना रहेगा संपर्क
जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लेह यात्रा के बाद स्थिति तेजी से बदली। चीन ने विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की पेशकश की। कई राउंड बातचीत विभिन्न स्तरों पर पर्दे के पीछे हुई। तनाव कम करने के लिए दोनों देशों ने कदम उठाए हैं। लेकिन भारत का रुख काफी सतर्क है। भारत लगातार स्थिति पर नजर बनाए रखेगा और सहयोगी देशों से भी संपर्क भी बना रहेगा।
रणनीतिक बढ़त को नहीं गंवाएगा भारत
कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि सीमा मुद्दे पर भारत को रणीतिक और कूटनीतिक बढ़त मिली है। कई देशों ने भारत के पक्ष को बेहतर तरीक से समझा है और भारत इस बढ़त को बनाए रखना चाहेगा।