Hindi Newsदेश न्यूज़India supports Quad's statement on concerns related to China

चीन से जुड़ी चिंताओं वाले क्वॉड के बयान को भारत का समर्थन

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर टोक्यो में क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए. इन नेताओं ने अपने साझा बयान में बिना चीन का नाम लिए कहा कि वो दक्षिण चीन सागर में जो हो रहा है उससे...

डॉयचे वेले दिल्लीMon, 29 July 2024 10:30 AM
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर टोक्यो में क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए. इन नेताओं ने अपने साझा बयान में बिना चीन का नाम लिए कहा कि वो दक्षिण चीन सागर में जो हो रहा है उससे चिंतित हैं.जापान की राजधानी टोक्यो में हुई बैठक के बाद विदेश मंत्रियों ने एक साझा बयान में कहा कि वो दक्षिण चीन सागर में "दूसरों को डराए जाने और अन्य खतरनाक चालों" से चिंतित हैं. नेताओं ने इस इलाके में समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने का प्रण भी लिया.भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस बैठक में शामिल हुए. उनके अलावा बैठक में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग, जापान के योको कामिकावा और अमेरिका के एंटनी ब्लिंकेन भी शामिल थे.क्वॉड की बैठक में सहयोग पर दिया जोरबैठक में जयशंकर ने कहा, "यह समय आसान नहीं है. मुख्य चुनौती है वैश्विक आर्थिक वृद्धि को सुनिश्चित करना और साथ ही उसे खतरों से भी बचाना" उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी में तरक्की से इतने बड़े बदलाव हो रहे हैं कि "एक तरह से हम एक पुनर-वैश्वीकरण के बीच में हैं"भारतीय विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि इन हालात में भी "सिर्फ हमारी सामूहिक कोशिशें ही अंतरराष्ट्रीय प्रणालियों को प्राकृतिक और मानव-निर्मित दुर्घटनाओं से प्रभावित होने से बचा सकती हैं"जयशंकर ने आगे कहा, "हमारे सामने एक महत्वपूर्ण सवाल है और वो है नियमों के आधार पर बनी व्यवस्था को कायम रखना. सिर्फ हमारा सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि इंडो-पैसिफिक इलाका मुक्त, खुला, स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध रहे"उन्होंने यह भी कहा, "हमारी बैठक को यह स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि क्वॉड कायम रहेगा, अपना काम करेगा और आगे बढ़ेगा"बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, "कुल मिला कर संदेश यह है कि सभी लोकतंत्र, बहुलवादी समाज और बाजार आधारित अर्थव्यवस्थाओं वाले हमारे चारों देश एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत, एक नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए एक साथ काम कर रहे हैं"सभी मंत्रियों ने बिना चीन का नाम लिए अपने साझा बयान में कहा, "हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागरों की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं और बल से या दबाव से हालात को बदलने की कोशिश करने वाले एकतरफा कदमों के प्रति अपने कड़े विरोध को दोहराते हैं"चीन पर निशानाक्वॉड नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में विवादित फीचर्स के सैन्यीकरण और जबरदस्ती करने वाली और डराने वाली चालों के बारे में भी गंभीर चिंता व्यक्त की

इनमें तटरक्षक एजेंसी और समुद्री सैन्य जहाजों का खतरनाक इस्तेमाल भी शामिल है.हाल के महीनों में चीनी जहाज विवादित सेकंड थॉमस शोल के आस पास फिलीपीन जहाजों से बार बार टकराए हैं. ये घटनाएं तात्कालिक सहमति के बावजूद हुईं जो कुछ ही दिन पहले दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए की गई थी.बैठक के इतर ब्लिंकेन और जयशंकर के बीच यूक्रेन पर भी बातचीत हुई. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ब्लिंकेन ने जयशंकर से बातचीत में यूक्रेन के लिए एक "न्यायपूर्ण और स्थायी शांति" की जरूरत पर जोर दिया.कई भारतीय मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगस्त में यूक्रेन जाने वाले हैं. हाल ही में जब मोदी रूस गए थे तो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने उनकी यात्रा पर निराशा व्यक्त की थी.सीके/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी)

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