PULWAMA TERROR ATTACK: पाकिस्तान का सच सामने लाने में लगा भारत, P5 दूतों से मिले विदेश सचिव
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान को बेनकाब करने के साथ दुनिया में उसे अलग-थलग करने में जुट गया है। इस क्रम में विदेश सचिव विजय गोखले ने शुक्रवार को प्रमुख देशों के दूतों से मुलाकात...
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान को बेनकाब करने के साथ दुनिया में उसे अलग-थलग करने में जुट गया है। इस क्रम में विदेश सचिव विजय गोखले ने शुक्रवार को प्रमुख देशों के दूतों से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने इन देशों को आतंकवाद के समर्थन में पाकिस्तान की भागीदारी के बारे में जानकारी दी।
यह बैठक सरकार द्वारा पाकिस्तान के पूरे विश्व से पूर्ण अलगाव के लिए उठाए गए कदम का अहम हिस्सा है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार पाकिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पूर्ण अलगाव सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव राजनयिक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि इस भीषण आतंकवादी घटना में पाकिस्तान का प्रत्यक्ष हाथ होने के साक्ष्य हैं।
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पाकिस्तान के खिलाफ पहले कदम के रूप में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक के बाद घोषणा की थी कि भारत पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन ट्रेड स्टेटस का दर्जा वापस ले रहा है।
सूत्रों के मुताबिक विदेश सचिव गोखले ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (पी 5) के पांच स्थायी सदस्यों - अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ-साथ यूरोप और एशिया के प्रमुख देशों के दूतों से मुलाकात की है। इससे पहले उन्होंने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया था कि इस्लामाबाद को आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाए।
वहीं, पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी परामर्श के लिए दिल्ली बुलाया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, वह शनिवार को दिल्ली में होंगे, शनिवार को विदेश मंत्रालय के साथ बैठकें करेंगे।
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दक्षिण कश्मीर में सीआरपीएफ जवानों के वाहन पर कार बम विस्फोट के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में भारत ने कल गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों से संचालित होने वाले आतंकवादी समूहों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों के बारे में याद दिलाया था।
यह भी बताया गया था कि जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में नामित करने का प्रयास अभी भी लंबित है।
UNSC के सदस्य और पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने, अजहर को एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए भारत की मांग को बार-बार नाकाम कर दिया है, यह कहते हुए कि इस मुद्दे पर विश्व निकाय के शीर्ष अंग में कोई सहमति नहीं है।
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