दिल्ली हिंसा पर अमेरिकी संस्था को भारत का करारा जवाब, कहा- गैरजिम्मेदार टिप्पणी से बचें
विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी संस्था यूएससीआईआरएफ व अन्य द्वारा दिल्ली हिंसा को लेकर जताई चिंता गई पर कहा कि कानून प्रवर्तक एजेंसियां हिंसा रोकने, सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम कर रही हैं।...
विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी संस्था यूएससीआईआरएफ व अन्य द्वारा दिल्ली हिंसा को लेकर जताई चिंता गई पर कहा कि कानून प्रवर्तक एजेंसियां हिंसा रोकने, सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक तौर पर शांति और भाईचारा कायम करने की अपील की है। हम अनुरोध करेंगे कि इतने संवेदनशील वक्त में गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियां न की जाएं।
साथ ही मंत्रालय ने कहा कि हमने दिल्ली में हिंसा की हालिया घटनाओं पर संयुक्त राज्य आयोग द्वारा, मीडिया के वर्गों द्वारा कुछ व्यक्तियों पर की गई टिप्पणियों को देखा है। ये तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक हैं, और इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के उद्देश्य के रूप में दिखाई पड़ रहा है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों संबंधी अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने नयी दिल्ली में हिंसा पर चिंता जताते हुए भारत सरकार से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने की अपील की थी, जिसके जबाव में गृहमंत्रालय ने ये बातें कही हैं।
यूएससीआईआरएफ के अध्यक्ष टोनी पर्किंस ने बुधवार दोपहर को जारी एक बयान में कहा था '' हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह भीड़ हिंसा का शिकार बने मुसलमानों और अन्य समूहों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कारगर प्रयास करे। नयी दिल्ली में सीएए के खिलाफ हिंसा में कम से कम 32 लोग मारे गए हैं और 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। पर्किंस ने कहा, '' दिल्ली में जारी हिंसा और मुसलमानों, उनके घरों एवं दुकानों और उनके धार्मिक स्थलों पर कथित हमलों के मामले व्यथित करने वाले हैं। अपने नागरिकों की रक्षा करना किसी भी जिम्मेदार सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्यों में से एक है, भले ही वे (नागरिक) किसी भी धर्म के हों। यूएससीआईआरएफ आयुक्त अरुणिमा भार्गव ने भी कहा था कि दिल्ली में ''नृशंस एवं अनियंत्रित हिंसा के खिलाफ सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।