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Rafale से बढ़ेगी भारत की सामरिक ताकत? विजयदशमी पर PAK के होश उड़ाने को आज मिलेगा पहला जेट, जानें खासियतें

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात करेंगे और बंदरगाह शहर बोर्दू में 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पहला विमान स्वीकार करेंगे। दशहरा पर वह शस्त्र पूजा...

 Rafale से बढ़ेगी भारत की सामरिक ताकत? विजयदशमी पर PAK के होश उड़ाने को आज मिलेगा पहला जेट, जानें खासियतें
नई दिल्ली, एजेंसी Tue, 08 Oct 2019 06:22 AM
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात करेंगे और बंदरगाह शहर बोर्दू में 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पहला विमान स्वीकार करेंगे। दशहरा पर वह शस्त्र पूजा भी करेंगे। लड़ाकू विमान राफेल हासिल करने के बाद भारत दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय भूराजनीति में ताकतवर बनकर उभरेगा। ऐसा रक्षा विशेषज्ञों का मानना है, हालांकि, हवाई क्षेत्र में चीन की ताकत का मुकाबला करने में अभी काफी वक्त लगेगा। 

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को फ्रांस में 36 राफेल विमान की पहली खेप प्राप्त करेंगे, जबकि भारत के आकाश में मई 2020 में ही ये लड़ाकू विमान उड़ान भर पाएंगे।  एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने कहा कि 30 सितंबर को वायु सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के शीघ्र बाद राफेल विमान का मिलना एक 'गेम चैंजर' है। 

भारत को आज मिलेगा पहला राफेल विमान, रक्षा मंत्री भरेंगे उड़ान

राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है। इससे भारतीय वायुसेना (आईएएफ) में आमूलचूल बदलाव होगा क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं।  सेवानिवृत्त एयर मार्शल एम. मथेश्वरण ने बताया, “ पाकिस्तान के पास मल्टी रोल विमान एफ-16 है। लेकिन वह वैसा ही है जैसा भारत का मिराज-2000 है। पाकिस्तान के पास राफेल जैसा कोई विमान नहीं है।”

मिराज का उन्नत रूप और सुखोई 30 विमान चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान हो सकता है। देश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को भी विज्ञान और प्रौद्योगिक के मामले में चौथी पीढ़ी की श्रेणी में रखा जा सकता है लेकिन तुलना की दृष्टि से यह काफी छोटा विमान है। फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा देश होगा जिसके आकाश में राफेल विमान उड़ान भरेगा। लेकिन राफेल की तुलना चीन के जे-20 से नहीं की जा सकती है। चीन द्वारा घरेलू तकनीक से विकसित यह पांचवीं पीढ़ी का विमान है। 

रक्षा सूत्रों ने बताया कि सफलतापूर्वक निर्माण व प्रदर्शन के बाद जे-20 विमान जल्द ही चीन की सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी एयर फोर्स ऑफ चाइना के बेड़े में शामिल होने जा रहा है। हांगकांग का अंग्रेजी अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में चीन के सरकारी मीडिया के हवाले से बताया गया है कि बीते मार्च 2017 में पीएलएएएफ ने नवीनतम स्टील्थ फाइटर जे-20 को अपने बेड़े में शामिल किया था। एयर मार्शल मथेश्वरण ने कहा, “हमारे पास खुद की रक्षा करने की ताकत है, लेकिन इन क्षमताओं में वैश्विक व्यवस्था के रणनीतिक मसले भी शामिल होते हैं।”

गौरतलब है कि सितंबर 2016 को भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमान खरीदने की फाइनल सौदे पर दस्तखत हुए थे। इन विमानों की कीमत 7.87 बिलियन यूरो रखी गई थी। बता दें कि राफेल सौदे पर लोकसभा चुनाव से पहले भारत में खूब सियासत भी देखने को मिली थी। 

राफेल की खासियत

1. राफेल विमान दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है।
2.  परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है।
3. यह हवा से  हवा में और हवा से जमीन पर हमले कर सकता है।
4. फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट एविएशन ने  विमान का निर्माण किया है। 

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