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शोध में दावा: भारत-पाक में परमाणु युद्ध हुआ तो 12.5 करोड़ लोग मारे जाएंगे, दुनिया का मंजर होगा खतरनाक

भारत और पाकिस्तान के बीच अगर परमाणु युद्ध हुआ तो एक सप्ताह से कम समय के भीतर ही 50 लाख से 12.5 करोड़ लोगों की जान जा सकती है। यह संख्या छह साल चले दूसरे विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की संख्या के...

शोध में दावा: भारत-पाक में परमाणु युद्ध हुआ तो 12.5 करोड़ लोग मारे जाएंगे, दुनिया का मंजर होगा खतरनाक
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 04 Oct 2019 10:04 AM
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भारत और पाकिस्तान के बीच अगर परमाणु युद्ध हुआ तो एक सप्ताह से कम समय के भीतर ही 50 लाख से 12.5 करोड़ लोगों की जान जा सकती है। यह संख्या छह साल चले दूसरे विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की संख्या के मुकाबले बहुत ज्यादा होगी। इतना ही नहीं, इससे दुनियाभर में जलवायु संबंधी आपदाएं भी आएंगी। कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय और रुतगेर्स विश्वविद्यालय के विश्लेषकों के एक अध्ययन में यह विश्लेषण किया गया है कि अगर भविष्य में ऐसा युद्ध हुआ तो उसकी विभीषिका और कुप्रभाव कैसा तथा क्या होगा। साइंस एडवांस पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध के परिदृश्य पर ध्यान दिया गया है जो 2025 में हो सकता है।
    
अभी 150-150 परमाणु हथियार हैं दोनों देशों के पास
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद दोनों देशों के मध्य बढ़े तनाव के बीच विश्लेषकों ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के पास फिलहाल करीब 150-150 परमाणु हथियार हैं। साथ ही 2025 तक इनकी संख्या बढ़कर दोनों देशों के पास लगभग 400 से 500 तक हो सकती है। 

मृत्यु दर दोगुना हो सकती है
अध्ययन में कहा गया है कि भारत-पाक के बीच युद्ध दुनिया में मृत्यु दर को दोगुना कर सकता है।
बताया गया है कि यह ऐसा युद्ध होगा जिसका मानव अनुभव में कोई उदाहरण नहीं होगा।
ऐसे युद्ध से सिर्फ उन जगहों को खतरा नहीं होगा जहां बम गिरेंगे, बल्कि पूरी दुनिया को खतरा होगा।

पर्यावरण संबंधी अपदाओं का भी खतरा
सूर्य की रोशनी में 35 फीसदी की कमी
अध्ययन में कहा गया है कि यदि युद्ध हुआ तो धरती पर पहुंचने वाली सूर्य की रोशनी में 20 से 35 प्रतिशत तक की कमी आएगी और इस ग्रह का तापमान 2 से 5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाएगा।

बारिश में 30 फीसदी गिरावट की संभावना
युद्ध होने पर पूरी दुनिया में वर्षा में 15 से 30 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है जिसके व्यापक क्षेत्रीय प्रभाव होंगे। 
इतना ही नहीं धरती पर पेड़-पौधों की संख्या में भी 15 से 30 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है
इसके साथ ही परमाणु युद्ध से समुद्री जीवन में पांच से 15 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है।

बड़ी मात्रा में काला धुआं निकलेगा
शोधकर्ताओं का कहना है कि परमाणु हथियारों से 16 से 36 मिलियन टन (3600 करोड़ किलो) कार्बन मिश्रित धुआं वायुमंडल की ऊपरी परत में फैल जाएगा। कुछ ही हफ्ते में यह पूरी दुनिया में फैल जाएगा। यह धुआं सौर रेडिएशन को भी अवशोषित करेगा, जिससे हवा का तापमान बढ़ेगा।  इसके साथ ही इससे दुनियाभर में फैलने वाली भुखमरी जैसे अतिरिक्त कारणों से मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
 
तेजी से बढ़ रहे हथियार 
रिपोर्ट के सहलेखक रोबक के मुताबिक, दुनिया में नौ देशों के पास परमाणु हथियार हैं लेकिन भारत और पाकिस्तान में हथियारों का जखीरा तेजी से बढ़ रहा है। कई मुद्दों खासकर कश्मीर को लेकर दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ रही है। 2025 तक परमाणु हथियारों की क्षमता 15 किलोटन हो जाएगी। इतनी क्षमता का परमाणु बम 1945 में अमेरिका ने जापान (हिरोशिमा और नागासाकी) पर गिराया था।
 

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