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राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद जैसे अति महत्वपूर्ण मुद्दों का सामना कर रहा है भारत: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को विपक्ष के इस तर्क को खारिज कर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ा जाना चाहिए। सुरक्षा और आतंकवाद दीर्घकाल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं...

राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद जैसे अति महत्वपूर्ण मुद्दों का सामना कर रहा है भारत: जेटली
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 15 Apr 2019 06:50 PM
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को विपक्ष के इस तर्क को खारिज कर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ा जाना चाहिए। सुरक्षा और आतंकवाद दीर्घकाल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जबकि अन्य सभी चुनौतियों का शीघ्र समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती जम्मू कश्मीर का मुद्दा है क्योंकि यह राष्ट्र की संप्रुभता की चिंता से जुड़ा हुआ है।

जेटली ने 'क्यों जम्मू-कश्मीर, और आतंकवाद के लिए नया दृष्टिकोण एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना रहेगा शीर्षक से अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि भारत के विपक्ष का तर्क है कि चुनाव वास्तविक मुद्दों पर लड़ना होगा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ा जाना चाहिए। मेरा तर्क है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद दीर्घकाल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। अन्य सभी चुनौतियों का जल्द समाधान किया जा सकता है।

विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत और पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना के जवाबी हमले को लेकर राजनीति कर रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद को चुनावी बहस का विषय बनाने का कारण देते हुए जेटली ने कहा कि यह देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा से संबंधित है।

उन्होंने आरोप लगाया कि दो क्षेत्रीय दल (पीडीपी और नेकां) ने निराशाजनक भूमिका निभाई है और विपक्षी पार्टियों के मौजूदा नेतृत्व के पास शायद ही कोई रोडमैप है, सिवाय विनाश के रास्ते पर चलने के अलावा। जेटली ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार के दौरान, जब भी पुलवामा में आतंकवादी हमले और बालाकोट में हवाई हमले से संबंधित मुद्दों को उठाया जाता है तो भारत का विपक्ष बैकफुट पर आ जाता है।

उन्होंने कहा कि एक मजबूत सरकार और स्पष्टता वाला एक अकेला नेता कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में सक्षम है। इसके लिए अतीत की ऐतिहासिक भूलों को सुधारने की जरूरत होगी।

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