लड़ाकू विमान तेजस की बिक्री को तैयार भारत, मिस्र और अर्जेंटीना के साथ बातचीत जारी
भारतीय वायुसेना ने जुलाई 2016 में दो विमानों के साथ अपना पहला LCA स्क्वाड्रन खड़ा किया था। हालांकि इस प्रोजेक्ट को 1983 में सोवियत मूल के मिग-21 बेड़े के रिप्लेसमेंट के रूप में मंजूरी दी गई थी।

इस खबर को सुनें
भारत अपने हल्के लड़ाकू विमान तेजस की बिक्री करने को तैयार है। इसके लिए मिस्र और अर्जेंटीना के साथ बातचीत जारी है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन सीबी अनंतकृष्णन ने मंगलवार को एयरो इंडिया-2023 में बताया कि स्वदेशी रूप से निर्मित तेजस हल्के लड़ाकू विमान (LCA) की बिक्री के लिए भारत मिस्र और अर्जेंटीना के साथ बातचीत कर रहा है। इन देशों ने अपनी वायु सेना के लिए तेजस में दिलचस्पी दिखाई है। भारत विदेशी बाजारों में पैर जमाने और अपने रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मिस्र ने 20 विमानों की आवश्यकता का अनुमान लगाया है जबकि दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना को 15 नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है। अनंतकृष्णन ने कहा, "मिस्र ने स्थानीय एयरोस्पेस लोकल इकोसिस्टम बनाने में भी रुचि दिखाई है। हम इसे सुगम बनाने में मदद करेंगे। अर्जेंटीना वायु सेना की दो टीमों ने एचएएल का दौरा किया और तेजस को भी उड़ाया।”
HAL ने दोनों देशों को LCA Mk-1A वैरिएंट की पेशकश की है। इससे पहले खबरें आईं थीं कि मलेशिया ने भी तेजस में रुचि दिखाई है। हालांकि इस पर अनंतकृष्णन ने कहा कि हो सकता है कि मलेशिया को नए लड़ाकू विमान बेचने की होड़ में एक कोरियाई विमान निर्माता ने एचएएल को पछाड़ दिया हो। भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए आने वाले वर्षों में तेजस के नए संस्करण शामिल करने की भी योजना है।
इससे पहले सोमवार को द्विवार्षिक एयरो इंडिया एयरशो का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलसीए को स्थानीय रूप से निर्मित हथियार प्रणालियों में गिना। कई भारतीय और प्रमुख विदेशी रक्षा कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजस हल्के लड़ाकू विमान और आईएनएस विक्रांत जैसे ‘मेड इन इंडिया’ सैन्य साजो-सामान रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में भारत के बेहतरीन उदाहरण हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘बेंगलुरु का आसमान न्यू इंडिया की क्षमताओं का गवाह है। यह नयी ऊंचाई न्यू इंडिया की हकीकत है, आज भारत नयी ऊंचाइयों को छू रहा है।’’ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रति भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए एयर शो के दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने स्वदेश निर्मित तेजस हल्के लड़ाकू विमान से उड़ान भरी।
भारतीय वायुसेना ने जुलाई 2016 में दो विमानों के साथ अपना पहला LCA स्क्वाड्रन खड़ा किया था। हालांकि इस प्रोजेक्ट को 1983 में सोवियत मूल के मिग-21 बेड़े के रिप्लेसमेंट के रूप में मंजूरी दी गई थी।
