जेनेवा में भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब, अल्पसंख्यकों के टॉर्चर का हम सब हैं गवाह
कश्मीर के मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश में लगे पाकिस्तान को करारा जवाब दिया गया है। जेनेवा में आयोजित मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र में विदेश मंत्रालय के फर्स्ट सेक्रेटरी वी. आर्यन ने कहा कि...
कश्मीर के मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश में लगे पाकिस्तान को करारा जवाब दिया गया है। जेनेवा में आयोजित मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र में विदेश मंत्रालय के फर्स्ट सेक्रेटरी वी. आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ टॉर्चर और व्यस्थित उत्पीड़न का हम सभी गवाह रहे हैं। पाकिस्तान में सिंध और पंजाब प्रांत में एक हिन्दू दाह संस्कार के दौरान और ईसाई के गिरिजाघर पर हमले पाकिस्तान में विभिन्न अल्पसंख्यकों के खिलाफ खौफनाक साजिश को बयां कर रहे हैं।
राइट टू रिप्लाई के तहते वी. आर्यन ने जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान खुद वैश्विक आतंकवाद का केन्द्र बिंदु है। उन्होंने कहा, मैं पाकिस्तान के प्रतिनिधिंडल से यह कहना चाहता हूं कि खुद को मानवाधिकार का प्रमोटर बताने से पहले वे विएना डिक्लरेशन एंड प्रोग्राम ऑफ एक्शन ऑन टेररिज्म के पैरा-1 को ठीक तरह से समझ लें। उसके नाक के नीचे सबसे ज्यादा मानवाधिकार उल्लंघन और आतंकवाद पनप रहे हैं।
I would ask Pakistani delegation to properly understand Part I, para 17 of Vienna Declaration&Programme of Action on terrorism, before pretending to be a promoter of human rights, while most grisly of the human rights violators, terrorists breed under its nose: Vimarsh Aryan, MEA https://t.co/jbSxTFlPPP pic.twitter.com/X2ee6bVOwG
— ANI (@ANI) June 16, 2020
इससे पहले, परमानेंट मिशन ऑफ इंडिया के फर्स्ट सेक्रटरी सेंथिल कुमार ने इस्लामाद से खुद के अपने गिरेबान में ताकने को कहा। उन्होंने ने कहा है कि खुद नरसंहार करने वाले देश में इतनी हिम्मत है कि वह दूसरों पर आरोप लगा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान का मानवाधिकार परिषद और उसकी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना जारी है।
सेंथिल कुमार कहा कि यह बड़ी चिंता की बात है कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में अकेला ऐसा देश है जहां सरकार नरसंहार करती है और फिर भी उसमें इतनी हिम्मत है कि वह दूसरों पर आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरों को राय देने से पहले पाकिस्तान अपने यहां हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों को देखे।