सामूहिक नरसंहार रैंकिंग में भारत आठवें नंबर पर, पाकिस्तान की रैंक है यह
सामूहिक नरसंहार को लेकर जारी एक रिपोर्ट में भारत को आठवें नंबर पर रखा गया है। यह रिपोर्ट उन देशों की है, जहां मास किलिंग का खतरा सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट अमेरिकी रिसर्च संस्थान ने तैयार की है।
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सामूहिक नरसंहार को लेकर जारी एक रिपोर्ट में भारत को आठवें नंबर पर रखा गया है। यह रिपोर्ट उन देशों की है, जहां मास किलिंग का खतरा सबसे ज्यादा है। यह रिपोर्ट 2022-23 में मास किलिंग के खतरों पर अमेरिकी रिसर्च संस्थान द्वारा तैयार की गई है। नई रिपोर्ट में भारत की रैंक में गिरावट आई है। साल 2021-22 की रिपोर्ट में भारत सबसे ज्यादा खतरे वाले 15 देशों में दूसरे नंबर पर था।
नवंबर की है रिपोर्ट
सामूहिक हिंसा के खतरे वाले देशों की पहचान करने वाले अर्ली वॉर्निंग प्रोजेक्ट ने अपनी रिपोर्ट नवंबर में जारी की है। इसके मुताबिक 2022-2023 में भारत में सामूहिक हत्या की संभावना 7.4 फीसदी या लगभग 14 में से एक है। यह प्रोजेक्ट यूनाइटेड स्टेट्स होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूजियम में नरसंहार की रोकथाम के लिए साइमन-स्क्जोड सेंटर और डार्टमाउथ कॉलेज के डिकी सेंटर फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग की एक संयुक्त पहल है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके जरिए मास किलिंग के खतरों और संभावनाओं को जानने का प्रयास किया गया है।
पहले नंबर पर पाकिस्तान
इस लिस्ट में पाकिस्तान पहले नंबर पर है। वहीं, 162 देशों में यमन दूसरे, म्यांमार तीसरे, इथियोपिया पांचवें, नाइजीरिया छठवें और अफगानिस्तान सातवें नंबर पर है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में छह में से एक बार नरसंहार की संभावना है। अगर भारत की बात करें तो वह सुडान (9), सोमालिया (10), सीरिया 11, इराक 11 और जिम्बॉब्वे 14 से भी खराब स्थिति में है।