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कोरोना वैक्सीन पर खुशखबरी: भारत ने 150 करोड़ डोज की कर ली है अडवांस बुकिंग

भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना टीकों का ट्रायल अंतिम चरण में है। कई कंपनियों ने ट्रायल में अच्छे परिणाम को देखते हुए बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया है तो बड़े देशों के बीच इनकी खरीद और...

कोरोना वैक्सीन पर खुशखबरी: भारत ने 150 करोड़ डोज की कर ली है अडवांस बुकिंग
हिन्दुस्तान टाइम्स ,नई दिल्लीThu, 19 Nov 2020 01:14 AM
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भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना टीकों का ट्रायल अंतिम चरण में है। कई कंपनियों ने ट्रायल में अच्छे परिणाम को देखते हुए बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया है तो बड़े देशों के बीच इनकी खरीद और सौदों को लेकर होड़ मच गई है। ऐसे में भारत ने भी 150 करोड़ से अधिक डोज खरीद के लिए बात फाइनल कर ली है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन डोज खरीद प्रतिबद्धता के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है।

भारत से पहले अमेरिका और यूरोपीय यूनियन का नंबर है। यह रिपोर्ट ड्यूक यूनिवर्सिटी के लॉन्च और स्केल स्पीडोमीटर इनिशिटिव पर आधारित है, जो निम्न आय वर्ग वाले देशों में हेल्थ इनोवेशन की पहुंच में बाधक बनने वाले वजहों का अध्ययन कर रहा है। इस पहल के मुताबिक, 'कोविड-19 वैक्सीन अडवांस मार्केट कमिटमेंट्स' के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है और इससे आगे अमेरिका और ईयू ही हैं। 

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भारत 1.5 अरब से अधिक डोज खरीद की पुष्टि कर चुका है, जोकि यूरोपीय यूनियन के 1.2 अरब डोज और अमेरिका के 1 अरब डोज से अधिक है, लेकिन अमेरिका और ईयू रैंकिंग में आगे संभावित डोज खरीद की वजह से हैं। अमेरिका ने 1.5 अरब से अधिक संभावित डोज खरीद के लिए हस्ताक्षर कर दिया है। ईयू ने भी 76 करोड़ संभावित डोज सौदे पर हस्ताक्षर कर दिया है। 1.5 बिलियन संभावित डोज खरीद और 1 अरब बुकिंग की वजह से अकेले अमेरिका ही 2.6 अरब डोज के लिए हस्ताक्षर कर चुका है। इससे संकेत मिलता है कि यह पूरी आबादी का एक से अधिक बार टीकाकरण करा सकता है। 

भारत भी पहले से ही उन लोगों की प्राथमिकता सूची तैयार करने में जुटा है, जिन्हें पहले टीका लगाया जाएगा। एक बार पूरी तरह प्रभावी वैक्सीन के आ जाने के बाद अधिकतर आबादी के समयबद्ध तरीके से टीकाकरण के लिए एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह काम कर रहा है। अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर और इसके जर्मन पाटर्नर बायोएनटेक एसई ने कहा है है कि इसका वैक्सीन कैंडिडेट 95 पर्सेंट प्रभावी पाया गया है।

ड्यूक यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुबाबिक, अब तक 8 अरब वैक्सीन डोज की बुकिंग हो चुकी है, जबकि टीकों के प्रभाव का नतीजा सामना नहीं आया है। विशेषज्ञ इस बात को लेकर भी चिंता जता रहे हैं कि अमीर और मिडिल इनकम वाले देशों की ओर से अडवांस डील्स की वजह से कोरोना वायरस टीके के वैश्विक रूप से समान वितरण में चुनौती आ रही है।

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