ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशलद्दाख में पीछे हटने से भारत को हुआ नुकसान? विदेश मंत्रालय बोला- समझौते में नहीं खोई कोई जमीन

लद्दाख में पीछे हटने से भारत को हुआ नुकसान? विदेश मंत्रालय बोला- समझौते में नहीं खोई कोई जमीन

भारत ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ पीछे हटने के समझौते के तहत देश ने अपनी कोई जमीन नहीं खोई बल्कि एकतरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव के प्रयास को रोकने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएससी) की...

लद्दाख में पीछे हटने से भारत को हुआ नुकसान? विदेश मंत्रालय बोला- समझौते में नहीं खोई कोई जमीन
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 25 Feb 2021 11:01 PM
ऐप पर पढ़ें

भारत ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ पीछे हटने के समझौते के तहत देश ने अपनी कोई जमीन नहीं खोई बल्कि एकतरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव के प्रयास को रोकने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएससी) की निगरानी की व्यवस्था लागू की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ऑनलाइन माध्यम से संवाददाताओं से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की स्थिति और साझा रूप से पुन: तैनाती को लेकर कोई बदलाव नहीं आया है और पीछे हटने की प्रक्रिया को गलत ढंग से पेश नहीं किया जाना चाहिए। 

लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र में पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि वस्तुस्थिति के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्रालय के बयान में अच्छी तरह स्थिति स्पष्ट की गई है। इसमें मीडिया में आई कुछ गुमराह करने वाली और गलत टिप्पणियों के बारे में स्थिति स्पष्ट की गई है। श्रीवास्तव ने कहा,''इस समझौते की वजह से भारत ने अपनी कोई जमीन नहीं खोई। इसके विपरीत, उसने एलएसी पर निगरानी लागू की और एकतरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव को रोका।''

'दोनों देशों की सेनाओं ने सैनिकों को पीछे हटा लिया था'
गौरतलब है कि दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में कई महीने तक जारी गतिरोध के बाद उत्तरी और दक्षिणी पेंगोंग क्षेत्र से अपने-अपने सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था। हालांकि कुछ मुद्दे अभी बने हुए हैं। समझा जाता है कि बातचीत के दौरान भारत ने गोगरा, हाट स्प्रिंग, देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी तेजी से पीछे हटने पर जोर दिया था। बीस फरवरी को मोल्दो/ चुशूल सीमा पर चीनी हिस्से पर चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक का 10वां दौर आयोजित किया गया था।

'अग्रिम फौजों की वापसी का सकारात्मक मूल्यांकन किया'
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार,''इसमें दोनों पक्षों ने पैंगोंग सो झील क्षेत्र में अग्रिम फौजों की वापसी का सकारात्मक मूल्यांकन किया और इस बात पर जोर दिया कि यह एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ अन्य शेष मुद्दों के समाधान के लिए एक अच्छा आधार प्रदान किया। पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ अन्य मुद्दों पर उनके विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान हुआ।''

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें