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India-China Standoff: चीन की हर चाल नाकाम, इस साल T-90 टैंकों तक का भार सहने वाले 54 पुल हुए तैयार

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों का आधिकारिक रूप से उद्घाटन कर दिया। सरकार का दावा है कि इन पुलों को रिकॉर्ड समयसीमा में तैयार किया गया...

India-China Standoff: चीन की हर चाल नाकाम, इस साल T-90 टैंकों तक का भार सहने वाले 54 पुल हुए तैयार
सुधीर गुप्ता, हिन्दुस्तान टाइम्स,नई दिल्लीMon, 12 Oct 2020 04:24 PM
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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों का आधिकारिक रूप से उद्घाटन कर दिया। सरकार का दावा है कि इन पुलों को रिकॉर्ड समयसीमा में तैयार किया गया है। ये 44 पुल, बीआरओ द्वारा बनाए जा रहे 102 पुलों में से ही हैं। इससे पहले, 10 पुलों की शुरुआत हो चुकी है।  इस तरह, इस साल अब तक 54 पुलों को तैयार किया जा चुका है। चीन से पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच बनाए जा रहे ये पुल इतने मजबूत हैं कि इन पर युद्ध की स्थिति में काम आने वाले भारी-भरकम टी-90 टैंक भी ले जाए जा सकते हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि 44 पुलों में से 30 पुल लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक एलओसी जाने वाले रूट पर आते हैं। ये सभी क्लास 70 पुल हैं, जोकि ऐसी तकनीक है, जिसपर 70 टन का वाहन ले जाया जा सकता है। भारत का सबसे भारी-भरकम वाला टैंक अर्जुन है, जिसका वजन तकरीबन 60 टन है।

इसके अलावा, भारतीय सेना ने अपने टी-90 भीष्म टैंक को भी भारत-चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात कर दिया है। इसका वजन लगभग 45 टन है। चीन पिछले कई महीनों से लगातार एलओसी पर तनावपूर्ण माहौल बना रहा है।

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ये पुल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगे और सैनिकों और उनके हथियारों को सीमा तक पहुंचाने में काफी मददगार साबित होंगे। सरकार ने इस साल बीआरओ के पुल बनाने के लक्ष्य को दोगुना कर दिया था। बीआरओ इस साल 102 पुलों का निर्माण कर रहा है, जबकि पहले एक साल में 50 पुल का ही निर्माण होता था।

बीआरओ के एक अधिकारी ने बताया, ''भारत को चीन के बराबर पकड़ बनाने की जरूरत है, जिसने दशकों से सीमावर्ती बुनियादी ढांचे में भारी निवेश किया है। हम पहले ही काफी समय खो चुके हैं और उसी तरह का अप्रोच जारी नहीं रख सकते हैं।''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने फैसलों के बारे में तब संकेत दे दिया था, जब उन्होंने इस महीने की शुरुआत में हिमाचल प्रदेश में अटल टनल की शुरुआत की थी। इस दौरान, उन्होंने पिछली सरकारों को उनकी गलत प्राथमिकताओं के लिए जिम्मेदार ठहराया था और चीन के साथ सीमा पर सड़कों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी बताई थी। पीएम मोदी ने साल 2014 में जीत के बाद से ही भारत-चीन बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रचर बढ़ाने और मजबूत करने पर काफी जोर दिया है।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह इस संदर्भ में सरकार की कड़ी मेहनत का परिचायक है कि बीआरओ का वार्षिक बजट, जो कि 2008-2016 में 3,300 करोड़ रुपये से 4,600 करोड़ रुपये के बीच था, ने पर्याप्त बढ़ोतरी देखी और 2020-21 में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक बजट हो गया। वहीं, सोमवार को 44 पुलों का उद्घाटन करने के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीआरओ और उसके प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह की कम समय में लक्ष्य को पूरा करने के लिए काफी प्रशंसा भी की है। वहीं, जनरल हरपाल सिंह ने बताया कि 44 पुलों की शुरुआत सोमवार को हुई है, जबकि इस साल की शुरुआत में 10 और पुल बनाए जा चुके हैं।

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