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चीन की चालबाजी को जानता है भारत, संबंध ठीक करने को ड्रैगन को करना है अभी बहुत कुछ, जानें एक्सपर्ट्स की राय

भारत और चीन के बीच भले ही लद्दाख में पैंगोंग इलाकों से डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, मगर चालाक चीन कब चालबाजी दिखा दे, इसके लिए भारत को हमेशा सतर्क रहना होगा। भारत-चीन मामलों से जुड़े...

China needs to do more to restore normalcy: Officials
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Indian army soldiers drive vehicles along mountainous roads as they take part in a military exercise in union territory of Ladakh on July 4, 2020. (AFP)
2/ 2Indian army soldiers drive vehicles along mountainous roads as they take part in a military exercise in union territory of Ladakh on July 4, 2020. (AFP)
रेजॉल एच लस्कर, सुतीर्थो पार्थानोबिस, एचटी ,नई दिल्लीWed, 24 Feb 2021 07:17 AM
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भारत और चीन के बीच भले ही लद्दाख में पैंगोंग इलाकों से डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, मगर चालाक चीन कब चालबाजी दिखा दे, इसके लिए भारत को हमेशा सतर्क रहना होगा। भारत-चीन मामलों से जुड़े लोगों ने कहा कि पैंगोंग इलाकों से दोनों सेनाओं का पीछे हटना महज एक प्रक्रिया की शुरुआत है, चीन को द्वीपक्षीय संबंधों को पूरी तरह से सामान्य स्थिति में बहाल करने के लिए अभी और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। 

नाम न जाहिर होने देने की शर्त पर इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि सीमा पर तनाव को कम करने के लिए द्विपक्षीय या फिर बहुपक्षीय स्तर पर चीन का अगला कदम क्या होगा, इसे बारीकी से देखा जाएगा। मामले से जुड़े लोगों में से एक ने कहा, 'ट्रेन पटरी से उतर गई थी। हमने इसे वापस पटरियों पर लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब देखने वाली बात होगी कि आखिर चीजें कहां तक जाती हैं।'

मामले से जुड़े लोगों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट पर से भारतीय और चीनी सेना की हालिया वापसी (डिसइंगेजमेंट) को एक 'अच्छी शुरुआत' बताया, लेकिन आगाह किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई अन्य टकराव के अन्य बिंदुओं पर विवाद को हल करने के लिए और अधिक किए जाने की आवश्यकता है।

एक अधिकारी ने कहा, 'भारत और चीन के बीच में बहुत सी चीजें गलत हो गई हैं और चीजों को सही करने का काम अब शुरू हो गया है। आगे बढ़ने की बात करने से पहले हमें चीजों को वापस ट्रैक पर लाना होगा।' बता दें कि पैंगोंग झील में डिसइंगेजमेंट के पूरा होने के बाद 20 फरवरी को भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच 10वें दौर की वार्ता आयोजित हुई थी, जिसमें टकराव के अन्य बिंदू जैसे गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग इलाकों से सेना को पीछे हटने के मुद्दे पर बातचीत  हुई थी, मगर अब तक इस दिशा में कोई सफलता हाथ नहीं लग पाई है। 

10वें दौर की सैन्य बैठक के जारी किए गए एक संयुक्त बयान में पैंगोंग झील से दोनों सेनाओं की वाापसी को एक अहम कदम बताया गया था और कहा गया कि दोनों पक्ष स्थिर और क्रमबद्ध तरीके से बाकी के बचे मुद्दों के पारस्परिक स्वीकार्य समाधान के लिए बातचीत जारी रखेंगे। बता दें कि गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग इलाकों से भी चीनी सेना को पीछे हटना होगा, तभी जाकर स्थिति सामान्य हो सकती है।

हालांकि, इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि चीनी पक्ष के साथ बातचीत का अगला दौर कब होगा, राजनयिक या सैन्य स्तर वार्ता होगी, तत्काल इसके संकेत नहीं दिखते। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि 2021 के लिए ब्रिक्स समूह की भारत की अध्यक्षता का समर्थन करने वाले चीनी विदेश मंत्रालय के बयान को बहुत अधिक तवज्जो नहीं देना चाहिए।  बता दें कि ब्रिक्स की मेजबानी के लिए चीन ने भारत का समर्थन किया है। 

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