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भारत मना रहा है अमृत महोत्सव पर इन देशों में नहीं होता है आजादी का जश्न, जानें क्या है वजह

दुनिया में कई ऐसे देश हैं जिनका कोई स्वतंत्रता दिवस नहीं है। ये देश कभी किसी विदेशी ताकत के गुलाम नहीं रहे। हालांकि तानाशाही और अराजकता से आजादी की लड़ाई ज्यादातर देशोें को लड़नी पड़ी।

भारत मना रहा है अमृत महोत्सव पर इन देशों में नहीं होता है आजादी का जश्न, जानें क्या है वजह
Ankit Ojhaलाइव हिंदुस्तान,नई दिल्लीThu, 11 Aug 2022 05:07 PM

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इस बार 15 अगस्त को भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। हर साल हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। इसी दिन देश को अंग्रेजों को चंगुल से आजादी मिली थी। यह दिन हर देशवासी के लिए बहुत मायने रखता है। प्रधानमंत्री इस दिन लालकिले पर तिरंगा फहराते हैं और फिर देश को संबोधित करते हैं। वह सरकार की उपलब्धियों और लक्ष्यों को जनता के सामने रखते हैं।  वहीं देशभर में स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में भी आजादी का जश्न मानाया जाता है। वहीं कई ऐसे भी देश हैं जहां आजादी का जश्न नहीं होता है। इसकी अलग-अलग वजहें हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन से देश हैं जो स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाते। 

रूस- रूस सोवियत संघ से टूटकर बना था। 1922 से 1991 के बीच यह यूरेशिया में फैला हुआ देश था। इसके विघटने के बाद रूस एक अलग देश बन गया। हालांकि यह कभी किसी देश का उपनिवेश नहीं रहा इसलिए इसका कोई स्वतंत्रता दिवस भी नहीं है। 15 गमतांत्रिक गुटों का यह समूह रातोंरात बिखर गया। 1922 में कई राज्यों को मिलाकर लेनिन के नेतृत्व में सोवियत संघ बना था। जार के शासन से मुक्ति पाने के बाद यह एक लोकतंतर बनना चाहता था लेकिन यह तानाशाही की तरफ ही चला गया। कमजोर राजनीतिक ढांचे, खराब अर्थव्यवस्था और गलत नीतियों के चलते यह बिखर गया था। 

चीन- चीन पर कई पश्चिमी देशों ने हमला किया लेकिन वह कभी पूरी तरह गुलाम नहीं हुआ। इसलिए यहां स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है। यह किसी भी देश का उपनिवेश नहीं रहा है। चीन में कई वंशवादी शासकों ने शासन किया। इसके बाद 1958 में माओतेसे तुंग ने पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइन का स्थापना की। 

नेपाल- नेपाल भी किसी विदेशी ताकत का गुलाम नहीं रहा। यह बहुत ही छोटा देश है इसके बावजूद कभी उपनिवेश नहीं बना। ब्रिटिश इंडिया और चीन के बीच रहने के बावजूद यह हमेशा संप्रभु राष्ट्र रहा। 

डेनमार्क- डेनमार्क भी कभी किसी देश का उपनिवेश नहीं रहा। हालांकि यहां 5 जून को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन डेनमार्क में संविधान लागू किया गया था। वैसे तो डेनमार्क में सत्ता के लिए कम संघर्ष नहीं हुए लेकिन विदेशी ताकतों के आक्रमण से यह सुरक्षित रहा। 

थाइलैंड- 19वीं शताब्दी में जब ज्यादातर दक्षिण-पूर्वी एशिया के देश गुलाम थे तब थाईलैंड स्वतंत्र था। थाईलैंड को कभी किसी विदेशी ताकत से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ा। यहां 5 दिसंबर को राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है लेकिन स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता। 

कनाडा - 1 जुलाई को कनाडा डे मनाया जाता है लेकिन यहां कोई स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता। 1 जुलाई 1867 को ब्रिटिश नॉर्थ अमेरिका ऐक्ट पासहुआ था और इसके बाद दोमिनियन ऑफ कनाडा एक स्वतंत्र देश बन गया था। इस ऐक्ट में कहा गया था कि कनाडा के कई हिस्से ब्रिटिश शासन का हिस्सा नहीं हैं। 

फ्रांस -फ्रांस को भी कभी किसी दूसरे देश से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ा। हालांकि यहां तानाशाही से मुक्ति के लिए क्रांति हुई थी। यह देश कभी उपनिवेश नहीं रहा। इसलिए इसका कोई स्वतंत्रता दिवस नहीं है। 
 

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