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गलत रिटर्न पर जुर्माने व सजा के अलावा आयकर विभाग कंपनियों को कार्रवाई के लिए कहेगा

आय को कम दिखाकर और कर छूट के दावों को बढ़ा-चढ़ा कर गलत आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना भारी पड़ सकता है। आयकर विभाग ने वेतनभोगी कर्मचारियों को ऐसा करने को लेकर आगाह किया है।  आयकर विभाग ने...

गलत रिटर्न पर जुर्माने व सजा के अलावा आयकर विभाग कंपनियों को कार्रवाई के लिए कहेगा
एजेंसी,नई दिल्ली।Wed, 18 Apr 2018 07:35 PM
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आय को कम दिखाकर और कर छूट के दावों को बढ़ा-चढ़ा कर गलत आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना भारी पड़ सकता है। आयकर विभाग ने वेतनभोगी कर्मचारियों को ऐसा करने को लेकर आगाह किया है। 

आयकर विभाग ने बुधवार को एक दिशानिर्देश में कहा कि वेतनभोगी करदाता आईटीआर दाखिल करते समय आय कम दिखाने और छूट के दावों को बढ़ाने के गैरकानूनी तरीके अपनाने से बचें। ऐसा करने पर उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। नियोक्ता कंपनियों को भी ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा जाएगा। आईटीआर की जांच-पड़ताल करने वाले बेंगलुरु स्थितआयकर विभाग के केंद्रीय प्रोसेसिंग सेंटर ने करदाताओं को कर सलाहकारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि की गलत सलाह में न पड़ने की नसीहत दी है। ऐसे कर सलाहकार गलत दावों के जरिये करदाताओं को टैक्स में छूट का लालच देते हैं। 

विभाग ने कहा कि ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें सलाहकारों के कहने पर आईटीआर में गड़बड़ियां की गईं। लेकिन आयकर कानून के तहत ऐसा करने पर जुर्माना और सजा हो सकती है। इससे रिकॉर्ड खराब होने पर रिफंड में भी समस्या आ सकती है। आयकर विभाग ने जनवरी में ऐसे ही एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसमें कर सलाहकारों और आईटी कंपनियों के कर्मियों का गलत रिटर्न भरकर टैक्स रिफंड लिया जाता था। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। विभाग ने 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले कर्मियों के लिए आईटीआर-1 यानी सहज फॉर्म ई रिटर्न फाइलिंग पोर्टल पर 17 अप्रैल से उपलब्ध करा दिया है। आईटीआर की आखिरी तिथि 31 जुलाई है।

गलत दावे को कर चोरी माना जाएगा
विभाग ने कहा कि कर्मचारी मध्यस्थों की ऐसी गलत सलाह के आधार पर गलत दावे न करें, क्योंकि इसे कर चोरी का मामला माना जाएगा। विभाग का कहना है कि उसके पास कर चोरी की गहन पड़ताल करने का बड़ा स्वचालित सिस्टम है, जो आईटीआर की प्रोसेसिंग (विश्लेषण) के काम में आता है। कोई भी कर्मचारी या अधिकारी इसमें हेरफेर नहीं कर सकता। 

सतर्कता विभाग भी जांच करेगा
आयकर विभाग ने कहा है कि सरकारी विभागों या सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के ऐसे गलत दावों की जानकारी संबंधित सतर्कता विभाग (विजिलेंस) को दी जाएगी। विजिलेंस नियमानुसार कार्रवाई करेगा। 

कर सलाहकारों पर भी कसेगा शिकंजा
करदाताओं को गलत सलाह देने वाले कर सलाहकारों या चार्टर्ड अकाउंटेंट पर भी शिकंजा कस सकता है। विभाग ने कहा कि ऐसा गैरकानूनी काम करने वाले सलाहकारों पर केस चलेगा। ऐसे मामलों को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के सुपुर्द किया जा सकता है। 

करदाताओं से विनम्रता से पेश आएं अधिकारी: आयकर विभाग
 आयकर अधिकारियों के मनमानी करने की शिकायतें बढ़ने से चिंतित आयकर विभाग ने उनके लिए भी नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें अधिकारियों से करदाताओं के साथ विनम्रता से पेश आने को कहा गया है। करदाता सेवा निदेशालय की प्रधान महानिदेशक नीना कुमार ने देश भर में विभाग के सभी प्रमुखों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि उत्पीड़न , बदसलूकी और मनमानी की शिकायतें आयकर विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। 

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