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शाहीन बाग पर वार्ताकार वजाहत हबीबुल्लाह का SC में हलफनामा, कहा- विरोध शांतिपूर्ण, पुलिस ने बेवजह बंद किए हैं रास्ते

दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों में से एक, वजाहत हबीबुल्लाह ने कोर्ट में एक शपथ पत्र दायर किया है। एएनआई के मुताबिक,...

शाहीन बाग पर वार्ताकार वजाहत हबीबुल्लाह का SC में हलफनामा, कहा- विरोध शांतिपूर्ण, पुलिस ने बेवजह बंद किए हैं रास्ते
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 23 Feb 2020 03:41 PM
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दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों में से एक, वजाहत हबीबुल्लाह ने कोर्ट में एक शपथ पत्र दायर किया है। एएनआई के मुताबिक, वजाहत हबीबुल्लाह ने अपने हलफनामे में कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ शाहीन बाग में विरोध शांतिपूर्ण है। 

अपने हलफनामें में हबीबुल्लाह ने कहा है कि पुलिस ने शाहीन बाग के आसपास के पांच स्थानों पर नाकेबंदी की है। अगर इन अवरोधों को हटा दिया जाता है तो यातायात सामान्य हो जाएगा। उन्होंने अपने हलफनामे में कहा है कि पुलिस ने अनावश्यक रूप से सड़कों को अवरुद्ध किया है जिसकी वजह से लोगों को समस्या हो रही है।

सड़क 13 ए, जो दिल्ली को नोएडा से जोड़ती है, पिछले 68 दिनों से आंदोलनकारियों द्वारा बुजुर्ग महिलाओं के नेतृत्व में नागरिकता अधिनियम का विरोध करते हुए अवरुद्ध किया गया है। नाकाबंदी के कारण आश्रम के आसपास और दक्षिणी दिल्ली के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम हो गया है। नोएडा-दिल्ली कनेक्शनों के साथ, जैसे कि निजामुद्दीन पुल भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है।

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बता दें कि शाहीन बाग में चल रहे धरना प्रदर्शन को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकीलों संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त  वजाहत हबीबुल्लाह को 17 फरवरी को वार्ताकार नियुक्त किया था। वार्ताकार शाहीन बाग गए थी और कई दौर की बातचीत भी हुई।

वहीं अन्य वार्ताकार साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े की ओर से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट देने की संभावना है क्योंकि अदालत इस मामले पर अपनी सुनवाई एक बार फिर से शुरू करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह विरोध प्रदर्शन को लेकर 'बैलेंस' की बात कही थी और कहा था कि लोकतंत्र में लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें सड़क अवरुद्ध नहीं करना चाहिए, अन्यथा इससे अराजकता पैदा हो सकती है।

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