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बेनतीजा रही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आईएमए की मुलाकात

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की बैठक बेनतीजा रही। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. रवि वानखेडकर के अनुरोध पर सोमवार को हुई इस तीन घंटे की मुलाकात में मेडिकल...

बेनतीजा रही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आईएमए की मुलाकात
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्ली Tue, 03 Apr 2018 04:56 PM
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की बैठक बेनतीजा रही। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. रवि वानखेडकर के अनुरोध पर सोमवार को हुई इस तीन घंटे की मुलाकात में मेडिकल शिक्षा तथा पेशे को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पाया। नड्डा ने हालांकि अंतर मंत्रालयी समिति की सभी सिफारिशों पर एक समय सीमा के अंदर आईएमए की दीर्घकालिक मांगों को पूरा करने का वादा किया। लेकिन उन्होंने इस बैठक में एनएमसी विधेयक 2017 पर कोई चर्चा करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह विधेयक अभी लोकसभा में है। डाॅ. वानखेडकर ने कहा, “आईएमए मुख्यालय संसद में एनएमसी विधेयक की गतिविधियों पर गंभीरता से निगाह रखेगा। जैसाकि महापंचायत में तय हुआ था कि यदि लोकसभा द्वारा एनएमसी विधेयक चिकित्सा जगत पर जबरन थोपा गया, तो आईएमए तत्काल प्रभाव से देशभर में सभी आधुनिक चिकित्सा से जुड़े डाॅक्टरों की सेवाएं वापस ले लेगी।”

केंद्रीय मंत्री ने अपने अधिकारियों के सहयोग से आईएमए की कई अन्य मांगों पर चर्चा की जो पिछले ढाई वर्षों से मंत्रालय में लंबित है। इनमें पीसीपीएनडीटी अधिनियम में संशोधन, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में मुआवजे की सीमा, क्लिनिक प्रतिष्ठान अधिनियम में अस्पताल के खिलाफ हिंसा का केंद्रीय कानून और इसमें संशोधन जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

आईएमए अध्यक्ष ने सरकार को बताया कि एनएमसी विधेयक 2017 का मौजूदा स्वरूप अस्वीकार्य है और यदि इसमें जरूरी बदलाव नहीं किए गए तो आईएमए को सीधी कार्रवाई करने को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आईएमए किसी भी रूप में मिश्रित चिकित्सा को खारिज करती है। उन्होंने सरकार से निजी मेडिकल काॅलेजों की 85 फीसदी सीटों के लिए शुल्क निर्धारित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि निजी प्रबंधनों में मौजूदा 50 फीसदी कोटे का प्रावधान लागू हो जाता है तो निम्न सामाजिक-आर्थिक वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को चिकित्सा की पढ़ाई से वंचित रहना पड़ जाएगा। यह वार्ता बेनतीजा रही लेकिन इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया गया।

आईएमए अध्यक्ष ने अलग से लाइसेंसी परीक्षा का प्रावधान खत्म करने और आईएमए द्वारा संयुक्त अंतिम वर्ष परीक्षा आयोजित करने के सुझाव पर सहमति जताने के लिए सरकार का आभार जताया। अब इस परीक्षा को लाइसेंसी परीक्षा में ही समाहित कर दिया गया है। चिकित्सा पेशे और लोगों की मुख्य चिंता आयुष में ब्रिज कोर्स को लेकर है। लेकिन उन्होंने राज्यों के अधिकार क्षेत्र के जरिये पिछले दरवाजे से ब्रिज कोर्स कराने की स्थिति पर अपना अधिकार सुरक्षित रखा। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नीमहकीमों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के प्रावधान का भी स्वागत किया।

डाॅक्टरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए आईएमए अध्यक्ष ने कहा, “आईएमए को उम्मीद है कि सरकार उचित फैसला करते हुए आईएमए की जन हितैषी मांगों पर विचार करेगी और आवश्यक कदम उठाएगी। आईएमए देशभर में आधुनिक चिकित्सा से जुड़े डाॅक्टरों की हड़ताल बुलाने पर अंतिम निर्णय लेने से पहले निश्चित तौर पर भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उचित और जवाबदेह मूल्यांकन करेगी।”

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