महामारी के खिलाफ वैज्ञानिकों के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, कोविड-19 के RNA बदलों और प्रभावों का पता लगाया
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), जोधपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने जीनोम सिक्वेंसिंग सिद्धांत की मदद से कोविड-19 वायरस के आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) में विभिन्न बदलावों की पहचान की है। अधिकारियों ने...
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), जोधपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने जीनोम सिक्वेंसिंग सिद्धांत की मदद से कोविड-19 वायरस के आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) में विभिन्न बदलावों की पहचान की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वैज्ञानिकों ने इन 'इंट्रा-होस्ट' बदलावों के निर्धारण का अध्ययन 'एक्सट्रा होस्ट' बदलावों और उत्परिवर्तन में किया है, जिससे वायरस स्वरूप बदलता है।
अध्ययन के दो चरणों के नतीजे जर्नल टन्यूक्लिक एसिड रिसर्च में प्रकाशित किये गए हैं। आईआईटी, जोधपुर के जीव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी विभाग की प्रमुख मिताली मुखर्जी ने कहा, 'कोविड-19 वायरस की आरएनए संरचना की पोषण कोशिकाओं (अंतर-पोषित विविधता) में अक्सर मामूली बदलाव होता है। ये बदलाव 'न्यूक्लियोटाइड' स्तर पर होते हैं। कई 'इंट्रा होस्ट' बदलावों का कारण मेजबान कोशिकाओं में उपस्थित एंजाइम होते हैं।
उन्होंने कहा, हालांकि, इनमें से अधिकतर बदलाव हानिरहित होते हैं या फिर खुद वायरस के लिए भी विनाशकारी होते हैं। हालांकि, कुछ बदलाव वायरस के जीवित रहने की संभावना को बढ़ा देते हैं।