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राष्ट्रपति भवन में अब नहीं होगी इफ्तार पार्टी, जानें क्यों लिया गया ऐसा फैसला

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस साल राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं करेंगे। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने कहा कि राष्ट्रपति ने पदभार ग्रहण करने के बाद निर्णय किया था कि...

राष्ट्रपति भवन में अब नहीं होगी इफ्तार पार्टी, जानें क्यों लिया गया ऐसा फैसला
एजेंसी,नई दिल्लीWed, 06 Jun 2018 11:17 PM
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस साल राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं करेंगे। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने कहा कि राष्ट्रपति ने पदभार ग्रहण करने के बाद निर्णय किया था कि राष्ट्रपति भवन जैसी सार्वजनिक इमारत में करदाताओं के खर्चे पर किसी तरह का धार्मिक समारोह या त्योहार नहीं मनाया जाएगा।

देश के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया और यह सभी तरह के धार्मिक कार्यक्रमों पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति हर प्रमुख त्योहार के अवसर पर नागरिकों को शुभकामनाएं देते हैं।

याद दिला दें कि 25 जुलाई, 2017 को रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेते समय ही फैसला किया था कि राष्ट्रपति भवन एक सार्वजनिक इमारत है, यहां सरकार या कर दाताओं के पैसों से किसी भी धार्मिक त्योहार का आयोजन नहीं होगा। हालांकि वे देशवासियों को हर त्योहार पर शुभकामनाएं देंगे। राष्ट्रपति भवन परिसर में रहने वाले कर्मचारियों पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। वे अपने-अपने त्योहार मना सकेंगे।

कलाम ने धार्मिक आयोजन पर खर्च होने वाले पैसों से की थी अनाथों की मदद

राष्ट्रपति भवन में हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन होता आया है। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के कार्यकाल में पहली बार 2002 में इसके आयोजन पर रोक लगी थी। कलाम ने अपने पांच साल के कार्यकाल में राष्ट्रपति भवन में कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं किया था। उन्होंने इफ्तार पार्टी पर होने वाले खर्च से गरीब और अनाथ लोगों की मदद की थी।

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पहली बार इफ्तार का आयोजन किया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड टंप ने व्हाइट हाउस में पहली बार इफ्तार का आयोजन किया। बहरहाल, ट्रंप की मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों का हवाला देकर कई मुस्लिम संगठनों ने इसका बहिष्कार भी किया।  पिछले साल ट्रंप ने कई दशक से जारी सालाना इफ्तार पार्टी की परंपरा खत्म कर दी थी। 1990 के दशक में बिल क्लिंटन ने इसकी औपचारिक शुरुआत की थी।

हालांकि, इसकी वैचारिक जड़ें वर्ष 1805 में थॉमस जेफरसन से भी जुड़ी हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में व्हाइट हाउस ने यह पुष्टि की कि ट्रंप इस साल इस कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे। हालांकि, अधिकतर मुस्लिम नागरिक संगठनों ने इसे लेकर हैरानी जताई है। कार्यक्रम बुधवार रात आयोजित किया गया।  व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव साराह सैंडर्स ने कहा कि अलग-अलग समुदायों से वहां उपस्थित करीब 30-40 लोग इसमें शामिल हुए। 

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