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देख रहे हैं पॉर्न तो आप पर गूगल और फेसबुक रख रहे हैं नज़र

अगर आप 'इंकॉग्निटो मोड' का इस्तेमाल कर पोनोर्ग्राफी देख रहे हैं और सोच रहे हैं कि इसका किसी को पता नहीं चलेगा, तो आप गलत हैं। गूगल, फेसबुक और यहां तक कि ओरेकल क्लाउड भी आप पर चुपके से नजर...

 देख रहे हैं पॉर्न तो आप पर गूगल और फेसबुक रख रहे हैं नज़र
न्यूयॉर्क, एजेंसीSat, 20 Jul 2019 11:44 AM
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अगर आप 'इंकॉग्निटो मोड' का इस्तेमाल कर पोनोर्ग्राफी देख रहे हैं और सोच रहे हैं कि इसका किसी को पता नहीं चलेगा, तो आप गलत हैं। गूगल, फेसबुक और यहां तक कि ओरेकल क्लाउड भी आप पर चुपके से नजर बनाए रखते हैं। लैपटॉप या स्मार्टफोन पर 'इंकॉग्निटो मोड' पर स्विच करने पर भी आपके द्वारा देखी जाने वाली पोर्न पर गुप्त रूप से नजर रखी जाती है। माइक्रोसॉफ्ट, कानेर्गी मेलन विश्वविद्यालय और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के एक नए संयुक्त अध्ययन में यह बात सामने आई है। 

जांच में पता चला कि 93 प्रतिशत वेब पेज ऐसे हैं, जो यूजर्स के डेटा को थर्ड पार्टी संगठनों के लिए ट्रैक और लीक करते हैं। इसके लिए 'वेबएक्सरे' नामक एक उपकरण का उपयोग करके 22,484 सेक्स वेबसाइटों को टटोला गया। अपने नमूने में यूजर्स को ट्रैक करने वाली 230 विभिन्न कंपनियों और सेवाओं की पहचान करने वाले शोधकतार्ओं ने कहा, “इन साइटों पर हो रही ट्रैकिंग कुछ प्रमुख कंपनियों द्वारा केंद्रित है।”

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गैर-पोनोर्ग्राफी-विशिष्ट सेवाओं में से, गूगल 74 प्रतिशत साइटों को ट्रैक करता है, ओरेकल 24 प्रतिशत और फेसबुक 10 प्रतशित साइटों को ट्रैक करता है। पोनोर्ग्राफी-विशिष्ट ट्रैकरों में शीष 10 हैं- ईएक्सओ क्लिक (4० प्रतिशत), जूसीएड (11 प्रतिशत) और इरो एडवरटाइजिंग (9 प्रतिशत)। अध्ययन में कहा गया है, “गैर-पोनोर्ग्राफी की शीर्ष 1० कंपनियां अमेरिका में हैं, जबकि पोनोर्ग्राफी-विशिष्ट की अधिकतर कंपनियां यूरोप में हैं।”

शोधकतार्ओं की टीम ने 'जैक' नाम का एक काल्पनिक प्रोफाइल बनाया, जो अपने लैपटॉप पर पोर्न देखने का फैसला करता है। जैक अपने ब्राउजर में 'इंकॉग्निटो मोड' ऑन करता है और यह मान लेता है कि उसके कार्य अब निजी हैं। वह एक साइट को खोजता है और एक गोपनीयता नीति के लिए एक छोटी सी लिंक को स्क्रॉल करता है।

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वह सोचता है कि गोपनीयता नीति के तहत आने वाली साइट उसकी निजी जानकारी की रक्षा करेगी, इसलिए जैक एक वीडियो पर क्लिक करता है। शोधकतार्ओं ने कहा, “जैक को पता नहीं है कि 'इंकॉग्निटो मोड' केवल यह सुनिश्चित करता है कि उसकी ब्राउजिंग हिस्ट्री उसके कंप्यूटर पर संग्रहीत न हो। वह जिन साइटों पर जाता है, उससे संबंधित ऑनलाइन कायोर्ं को थर्ड-पाटीर् ट्रैकर्स देख और रिकॉर्ड कर सकते हैं।” जैक द्वारा एक्सेस की गई सारी जानकारी से ये थर्ड-पार्टी ट्रैकर्स उन साइटों के यूआरएल की मदद से उसकी यौन इच्छाओं का भी अनुमान लगा सकते हैं। वे जैक से जुड़े डॉटा को बेच भी सकते हैं।

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