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ओमीक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ कितनी कारगर है कोवैक्सीन और कोविशील्ड, एक्सपर्ट ने बताया

दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के सामने आने के बाद दुनियाभर में ये चर्चा शुरू हो गई है कि इस वक्त उपलब्ध वैक्सीन ओमीक्रॉन के खिलाफ कितनी कारगर है। ओमीक्रॉन को लेकर...

ओमीक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ कितनी कारगर है कोवैक्सीन और कोविशील्ड, एक्सपर्ट ने बताया
हिन्दुस्तान टाइम्स,नई दिल्लीSat, 27 Nov 2021 10:27 PM

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दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के सामने आने के बाद दुनियाभर में ये चर्चा शुरू हो गई है कि इस वक्त उपलब्ध वैक्सीन ओमीक्रॉन के खिलाफ कितनी कारगर है। ओमीक्रॉन को लेकर डब्ल्यूएचओ पहले ही कह चुका है कि यह वायरस के अन्य वैरिएंट डेल्टा और डेल्टा प्लस के मुकाबले ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है। आईसीएमआर के महामारी विज्ञान और संचार रोग विभाग के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने बताया कि ओमीक्रॉन के खिलाफ लड़ने में भारत में लगने वाली कोवैक्सीन और कोविशील्ड कितनी कारगर है।

साउथ अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के सामने आने के बाद से दुनियाभर के कई देश सकते है। कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के नियमों में बदलाव किया है। दक्षिण अफ्रीका जाने और आनी वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस वैरिएंट के खतरे को भांपते हुए हाई प्रोफाइल मीटिंग ली और अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लिए फैसले की फिर से समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। 

 अभी कुछ भी कहना मुश्किलः आईएमआर

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महामारी विज्ञान और संचार रोग विभाग के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने कहा है कि अभी ये कहना मुश्किल है कि कोरोना वायरस के खिलाफ टीके ओमीक्रॉन के खिलाफ प्रभावी हो सकती है या नहीं। पांडा ने कहा, "एमआरएनए टीके स्पाइक प्रोटीन और रिसेप्टर इंटरैक्शन से प्रेरित बनाए गए हैं। क्योंकि इन टीकों को कोरोना वायरस के तत्कालीन वेरिएंट को देखते हुए बनाया गया है। ओमीक्रॉन कोरोना वायरस का नया वैरिएंट है, इसलिए अभी इस पर कुछ कहना मुश्किल है।"

ओमीक्रॉन पर WHO 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमीक्रॉन वैरिएंट को अधिक संक्रामक श्रेणी में रखा है। हालांकि इस वेरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन फिर भी रिपोर्टों में कहा गया है कि यह कोरोना वायरस के डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है।

डॉ पांडा ने कहा कि वैज्ञानिकों ने अब तक ओमीक्रॉन में संरचनात्मक परिवर्तन देखे हैं। लेकिन इसकी पुष्टि करने के लिए इस वैरिएंट पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। पांडा ने कहा, "इस नए वैरिएंट में संरचनात्मक परिवर्तन देखे गए हैं जो लोगों में अधिक तेजी से फैल रहा है या नहीं, इस पर अधिक जांच की जरुरकत है। डब्ल्यूएचओ ने इस सब की जांच की है कि क्या संक्रमण हो रहा है या इस नए वेरिएंट के प्रभाव में आकर ज्यादा मौतें हो रही हैं। इन रिपोर्टों के आधार पर ही डब्ल्यूएचओ ने इसे चिंताग्रस्त श्रेणी में रखा है।"

हालांकि अभी राहत वाली बात ये है कि भारत में अब तक इस नए वैरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है। फिर भी केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। 

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