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हिंदी न्यूज़ देशमहिलाओं को विक्टिम नहीं विक्टोरियस माइंडसेट के साथ बढ़ना होगा, JNU छात्रों से बोलीं IAS सोनल गोयल

महिलाओं को विक्टिम नहीं विक्टोरियस माइंडसेट के साथ बढ़ना होगा, JNU छात्रों से बोलीं IAS सोनल गोयल

इस कार्यक्रम को मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कठिन हालात में सिविल सेवा परीक्षा पास कर वाहवाही बटोरी है। सोनल गोयल ने मंच पर सूरज तिवारी का सम्मान किया।

महिलाओं को विक्टिम नहीं विक्टोरियस माइंडसेट के साथ बढ़ना होगा, JNU छात्रों से बोलीं IAS सोनल गोयल
Himanshu Jhaलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।Fri, 26 May 2023 12:02 PM
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यह सच है कि अधिकारी हो या कर्मचारी, महिलाओं को कदम-कदम पर खुद को साबित करना पड़ता है। सम्मान, स्वीकारोक्ति आदि बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो वर्कप्लेस पर पुरुषों को सहज उपलब्ध होते हैं, लेकिन महिलाओं को उन्हें पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इस सबके बावजूद महिलाओं को अपना आत्मविश्वास और अपनी सकारात्मक सोच बरकरार रखनी है, क्योंकि यही वो है जिसके सहारे महिलाएं सफलता की सीढ़ी चढ़ सकती हैं। जेएनयू में 'स्टूडेंट्स फॉर सेवा' द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईएएस अधिकारी सोनल गोयल (IAS Sonal Goel) ने यह बात कही है।

इस कार्यक्रम में जेएनयू के सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल हुए। उन्होंने 'नौकरशाही में महिलाओं की भूमिका' पर आईएएस सोनय गोयल के विचारों को सुना। इस दौरान सवाल-जलाब का सिलसिला भी चला। सोनल गोयल ने सभी छात्रों के सवालों का जवाब भी दिया। इस दौरान उन्होंने छात्रों से अपने डेढ़ दशक से अधिक के बतौर अधिकारी सार्वजनिक जीवन के बारे में भी बात की। उन्होंने सुदूर नार्थ-ईस्ट में काम करने के अनुभव के बारे में भी बात की।

सोनल गोयल इन दिनों त्रिपुरा भवन में बतौर रेजिडेंट कमिश्नर तैनात हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, 'आज महिलाएं हर स्तर पर खुद को साबित कर रही हैं। हाल ही में यूपीएससी परीक्षा के रिजल्ट में लड़कियों ने फिर एक बार लोहा मनावाया है। सफल हुए 933 कैंडिडेट्स में 320 लड़कियां हैं। टॉप 5 में भी 4 लड़कियां हैं। यह आंकड़े इस बात के गवाही देते हैं कि अगर अवसर दिया जाए तो लड़कियां किसी से कम नहीं है।'

 

इस कार्यक्रम को मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कठिन हालात में सिविल सेवा परीक्षा पास कर वाहवाही बटोरी है। सोनल गोयल ने मंच पर सूरज तिवारी का सम्मान किया। उन्होंने जेएनयू के छात्रों से सूरज से प्रेरणा लेने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'सूरज की ऐतिहासिक सफलता यह साबित करती है कि इतिहास रचने वाले लोग हमारे आसपास के ही लोग होते हैं। उनकी सफलता यह संदेश देती है कि मेहनत और लगन से कोई कुछ भी हासिल कर सकता है।''