IAS अशोक खेमका का 52वीं बार तबादला; ट्वीट कर कहा, ईमानदारी का इनाम जलालत
हरियाणा के सीनियर आईएएस अशोक खेमका का 52वां तबादला किया गया है। उन्हें अभिलेखागार,पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में प्रमुख सचिव बनाया गया है। इससे पहले वे विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के प्रमुख सचिव पद पर...
हरियाणा के सीनियर आईएएस अशोक खेमका का 52वां तबादला किया गया है। उन्हें अभिलेखागार,पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में प्रमुख सचिव बनाया गया है। इससे पहले वे विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के प्रमुख सचिव पद पर कार्यरत थे। खेमका का यह तबादला करीब 8 महीने बाद हुआ।
1991 बैच के अशोक खेमका का तबादला इससे पहले मार्च 2019 में हुआ था। अभिलेखागार विभाग भाजपा की राज्यमंत्री कमलेश ढांडा के पास जबकि पुरातत्व और संग्रहालय विभाग जजपा के राज्यमंत्री अनूप धानक के पास है। आईएएस खेमका को काफी समय से किसी बड़े विभाग की जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
भाजपा से पहले कांग्रेस की हुड्डा सरकार में भी खेमका का 22 बार ट्रांसफर हुआ था। वह जिस भी विभाग में जाते हैं, घोटाले के मामले उजागर करते रहे हैं। खेल विभाग से पहले उन्होंने समाज कल्याण विभाग में फर्जीवाड़े की आशंका पर 3 लाख से ज्यादा बुजुर्गों की पेंशन रोक दी थी। इससे पहले बीज विकास निगम में भी घोटाला पकड़ा था।
फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं।
कल संविधान दिवस मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे।
अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का ईनाम जलालत।
— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 27, 2019
ट्वीट किया, ईमानदारी का इनाम जलालत
फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं। कल संविधान दिवस मनाया गया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे। अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का इनाम जलालत।
सियासत पर भी निशाना
आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने महाराष्ट्र की सियासत पर भी ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा कि विधायकों की खरीद फरोख्त, उन्हें बंधक बनाना सभी जनसेवा के लिए की जाती है। जनसेवा जैसा सुअवसर छोड़ा नहीं जाता, वंचित रहने से हृदय में पीड़ा जो होती है। होने दो, खूब द्वंद होने दो। साझेदारी में तो मिल-बांट कर जनसेवा की जाएगी।
अरावली जमीन में चकबंदी को रोका था
खेमका ने खेती की जमीन की तरह अरावली क्षेत्र में हो रही चकबंदी को रोका था। 2012 में खेमका कॉन्सोलिडेशन ऑफ होल्डग्सिं डिपार्टमेंट के निदेशक बने थे। तब उन्होंने एक आदेश जारी कर अरावली क्षेत्र में चकबंदी के पहले से चले आ रहे आदेशों को रद्द कर दिया था। फरीदाबाद के गांव कोट में 3100 एकड़ से ज्यादा जमीन की चकबंदी हो रही थी, जिसमें ज्यादातर हिस्सा अरावली की जमीन का था। खेमका ने इस पर एतराज जताया था, जिसे उनके तबादले की वजह माना गया।