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पति ने पहले काटा गला, फिर दाएं हाथ की उंगलियां और बाएं की नसें, मगर महिला ने नहीं मानी हार

उत्तर प्रदेश के मेरठ में पति ने जालिमों के साथ मिलकर उसका गला काट दिया । इससे उसकी जुबान चली गई। दाएं हाथ की उंगलियां और बाएं की नसें काट दी। गले के गहरे घाव के कारण उसके गले में श्वास नली लगानी...

 पति ने पहले काटा गला, फिर दाएं हाथ की उंगलियां और बाएं की नसें, मगर महिला ने नहीं मानी हार
मेरठ। वरिष्ठ संवाददाताTue, 03 Dec 2019 10:09 AM
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उत्तर प्रदेश के मेरठ में पति ने जालिमों के साथ मिलकर उसका गला काट दिया । इससे उसकी जुबान चली गई। दाएं हाथ की उंगलियां और बाएं की नसें काट दी। गले के गहरे घाव के कारण उसके गले में श्वास नली लगानी पड़ी। वह अब न बोल पा रही है और न लिख सकती है।  बमुश्किल उसने चार दिन की मेहनत के बाद मोबाइल पर अपने साथ हुई हैवानियत लिखकर पुलिस के सामने में पेश की। मगर, वाह री लापरवाह पुलिस। उसने लाचार पीड़िता के इस बयान को मानने से इनकार कर दिया। मामला एसएसपी तक पहुंचा तब जाकर उसका बयान दर्ज हो सका। 

गाजियाबाद में थाना कोतवाली स्थित गुलजार कॉलोनी निवासी रुकैया परवीन का निकाह मेरठ में लिसाड़ी गेट क्षेत्र के श्यामनगर निवासी उमर से हुआ था। 14 अक्तूबर को उमर अपनी ससुराल पहुंचा और रुकैया को कलियर शरीफ घुमाने की बात कहकर अपने साथ ले गया। रात 11 बजे रुकैया जानी थाना क्षेत्र में सड़क किनारे लहूलुहान हालत में मिलीं। उनके हाथ, पैर और गर्दन पर गहरे जख्म थे। पहले सुभारती और फिर एम्स दिल्ली में उपचार चला। इस मामले में 15 अक्तूबर को पति उमर व एक अन्य आरोपी पप्पू के खिलाफ जानी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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सांस लेने के लिए रुकैया के गले में रेस्पिरेटरी पाइप लगा हुआ है। नस कटने से दोनों हाथ सूख गए हैं। वह न तो बोल सकती हैं और न ठीक से लिख सकती हैं। रुकैया चार दिन की मेहनत से स्क्रीन टच मोबाइल में लिखकर अपने साथ हुए जुल्म को बयां किया। लेकिन मेरठ पुलिस फोन पर लिखे बयान को मानने के लिए तैयार नहीं हुई। जानी थाने के दरोगा का कहना था कि पीड़िता बोलकर या लिखकर अपना बयान दर्ज कराए। डेढ़ महीने बाद भी बयान दर्ज नहीं होने से आहत पीड़िता सोमवार को एसएसपी दफ्तर पहुंची। 

एसएसपी के फटकारने पर दर्ज हुए बयान
सोमवार को परिजन रुकैया को लेकर एसएसपी दफ्तर पहुंचे। उन्होंने एसएसपी को पूरी व्यथा सुनाई। परिजनों ने एसएसपी से कहा कि यदि वह चाहें तो रुकैया का बयान अपने मोबाइल पर टाइप करा सकते हैं, लेकिन इसमें उसे थोड़ा वक्त जरूर लगेगा। रुकैया की गंभीर स्थिति को देखते हुए एसएसपी ने तत्काल विवेचक उमेश कुमार सिंह को अपने कार्यालय में तलब कर लिया और फटकार लगाते हुए फोन पर लिखे बयान दर्ज करने का निर्देश दिया। इसके बाद विवेचक ने महिला थाने में फोन के बयान को ही आधार मानते हुए केस दर्ज कर लिया।

एम्स ने कहा, पीड़िता बोल नहीं सकती
एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने कहा है कि फिलहाल वह बोल नहीं सकती। उसके दोनों हाथ नस कटने से काम नहीं कर पा रहे हैं। फिलहाल वह लिख भी नहीं सकती। केस में कार्रवाई के लिए पीड़िता के बयान बेहद जरूरी होते हैं, इसलिए पुलिस पीड़िता के परिवार पर बार-बार बयान कराने को कह रही थी। पीड़िता के परिजनों ने पुलिस को बताया कि फिलहाल वह बोलने और लिखने में सक्षम नहीं है, लेकिन पुलिस ने बयानों के बाद ही कोई कार्रवाई कर पाने की बात कही। 
 

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