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अपने कस्टमर को बेहतर ढंग से समझना ही अच्छी मार्केटिंग: केस्ट्रोल मार्केटिंग हेड केदार आप्टे

एचटी न्यूजरूम में मंगलवार को मार्केटिंग और ब्रांडिंग की दुनिया में नए पहलुओं पर देश की आठ प्रमुख कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने चर्चा की। यह कार्यक्रम एचटी ब्रांड स्टूडियो और डीएमए एशिया की तरफ से...

अपने कस्टमर को बेहतर ढंग से समझना ही अच्छी मार्केटिंग:  केस्ट्रोल मार्केटिंग हेड केदार आप्टे
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 25 Sep 2018 09:04 PM
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एचटी न्यूजरूम में मंगलवार को मार्केटिंग और ब्रांडिंग की दुनिया में नए पहलुओं पर देश की आठ प्रमुख कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने चर्चा की। यह कार्यक्रम एचटी ब्रांड स्टूडियो और डीएमए एशिया की तरफ से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। इस मौके पर हमने बातचीत की 'केस्ट्रोल' वाइज प्रेजिडेंट ऑफ मार्केटिंग केदार आप्टे से। पढ़ें उनसे बातचीत के मुख्य अंश: 

सवाल: इस सेक्टर में कम्युनिकेशन के दौरान आपके सामने क्या-क्या चुनौतियां आई?

जवाब: इंजन ऑयल एक व्हीकल के अंदर जाता है। अगर साबुन या शैंपू बेच रहे होते हैं तो उपभोक्ता उसे महसूस करता है, लेकिन हमारे सामने मुश्किल ये होती है कि इंजन ऑयल वाहन कंज्यूम कर रहा है और उपभोक्ता को पता नहीं है ये कैसा है। हम उपभोक्ता को तकनीकी तौर पर नहीं समझा सकते। इसलिए उनसे वैसी ही बात की जाती है जो उनकी समझ में आए। उदाहरण के लिए जब किसी बड़े शहर में आपकी गाड़ी जाती हैं तो काफी ट्रैफिक की वजह से कार को कई बार स्टॉप और स्टार्ट करना पड़ता है। कार को कई बार स्टॉप और स्टार्ट करने की वजह से कार में स्ट्रेस काफी होता है इसके लिए स्पेशल इंजन ऑयल बनाया गया है। इस तरह हम उपभोक्ता को समझाते हैं। इसलिए हमारे सामने सबसे बड़ी कोशिश उपभोक्ता को अपने प्रॉड्क्ट के बारे में समझाने की होती है। 

सवाल: 30 सितंबर से  'केस्ट्रोल गेराज गुरू' नाम से आपका एक टीवी शो आ रहा है उसके बारे में कुछ बताएं?

जवाब: मेकेनिक के प्रोफेशन को आज समाज में उतना आदर नहीं मिलता जो दूसरे प्रोफेशन में मिलता है। भारत में 10 लाख से ज्यादा मेकेनिक हैं। ये लोग फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं लेते। केस्ट्रोल सुपर मेकेनिक की शुरुआत इसलिए की गई है ताकि इनको अच्छे से अच्छी ट्रेनिंग दी जाए और अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच मिले। अब ये दूसरा साल है। इस साल 1 लाख से ज्यादा मेकेनिक ने केस्ट्रोल सुपर मेकेनिक में हिस्सा लिया। इसका मुख्य उद्देश्य इन्हें हीरो बनाना है। ट्रैनिंग के दौरान इनके प्रैक्टिल और थ्योरी के एग्जाम होते हैं। इस शो में टीवी चैनल में पहली बार मेकेनिक्लस की स्टोरी दिखाई जाएगी।  इसमें लोग उनकी जिंदगी के पहलुओं, चुनौतियों के बारे में जानेंगे। जिम्मी शेरगिल इसे होस्ट कर रहे हैं। इसमें पहली बार महिला मेकेनिक भी शामिल हो रही हैं। इससे काफी महिलाओं को भी इस प्रोफेशन में आने की प्रेरणा मिलेगी। इसको लेकर मैं काफी उस्ताहित हुं। 

सवाल: आप इससे पहले हमाम, ब्रीज, रेक्सोना जैसे ब्रेंड्स के साथ काम कर चुके हैं और अब केस्ट्रोल के साथ आपका अनुभव बिल्कुल अलग है?

जवाब: बिल्कुल सही है दोनों बहुत ही अलग हैं। हिन्दुस्तान लीवर में जो इतने साल मैंने सीखा वो मैंने यहां अप्लाई किया। जब मैं यहा आया तो मैंने देखा की उपभोक्ता कौन है, उससे कैसे जुड़ा जा सकता है। दरअसल मार्केटिंग के सिद्धांत वही रहते हैं बस कैटेगरी बदल जाती है। वो कैटेगरी से कैसे जुड़ता है। यही मार्केटिंग का मजा है कि मार्केटिंग की थ्योरी को अलग-अलग कैटेगरी से जोड़ा जाए। सबसे जरूरी है कि आपको कस्टमर के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए। कस्टमर जर्नी के बारे में पता होना चाहिए। कस्टमर कैसे सोचता है इससे मार्केटिंग प्लान बनाने में मदद मिलेगी। 

सवाल: यंग लीडर्स के लिए आपका क्या मैसेज

जवाब: यंग लीडर्स के लिए मेरा मैसेज है हमेशा उपभोक्ता से जुड़े रहें। कस्टमर से मिलोगे और उससे सिखोगे तो आपको जो आइडिया आएंगे वो बहुत फायदेमंद होंगे। मैं हमेशा कस्टमर से शुरू करता हूं। लेकिन बहुत से लोग पहले खुद सोचते हैं और फिर उसे लागू करते हैं। मार्केटिंग में बिल्कुल अलग है। मार्केटिंग शुरू होता है कस्टमर से । हमेशा आउटसाइड इन यानी बाहर से अंदर से जो़ड़कर देखना चाहिए। पहले बाहर बाजार देखो फिर अपनाओ।

सवाल:  आपकी जिंदगी का कोई टर्निंग प्वाइंट रहा हो तो बताएं?

जवाब:  मैं एक बहुत अच्छा स्टूडेंट् था। मैनें इंजीनियरिंग और एमबीए किया, हमेशा नंबर वन रहा और मुझे गर्व था। मुझे कंस्टलिंग कपनी में पहली नौकरी भी मिल गई। लेकिन मेरे ज्वॉइन करने के बाद अचानक कंपनी की स्थिति खराब हो गई। मुझे पता था कि कभी भी कुछ भी हो सकता है। नौ महीने मेरे लिए बहुत मुश्किल थे। कैंपस से मुझे अच्छी जॉब भी मिली थी लेकिन इसके बावजूद मैं जॉब लेस था। उस समय मैंने काफी कुछ सीखा। 

सवाल:  आपके क्या शौक हैं?

जवाब:  मुझे घूमने फिरने का काफी शौक है और कोशिश करता हूं कि हमेशा साल में दो जगह घूमने जरूर जाऊं, लोगों से मिलूं। उनके कल्चर को सीखूं। इसके अलावा स्पोर्ट्स का भी मुझे काफी शौक है। 

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