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जानिए किस तरह बिहारी जाबांजों ने गलवान घाटी में बरसते पत्थरों के बीच चीनी पोस्ट को उखाड़ फेंका 

जून 15 की शाम, भारतीय 3 इन्फेंटरी डिवीजन के कमांडर अपने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूर्वी लद्दाख में श्योक और गलवान नदी के Y जंक्शन के पास पोस्ट पर थे। क्योंकि चीन के साथ बैठक होने वाली थी। सूत्रों...

जानिए किस तरह बिहारी जाबांजों ने गलवान घाटी में बरसते पत्थरों के बीच चीनी पोस्ट को उखाड़ फेंका 
एएनआई,नई दिल्लीSun, 21 Jun 2020 02:42 PM
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जून 15 की शाम, भारतीय 3 इन्फेंटरी डिवीजन के कमांडर अपने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूर्वी लद्दाख में श्योक और गलवान नदी के Y जंक्शन के पास पोस्ट पर थे। क्योंकि चीन के साथ बैठक होने वाली थी। सूत्रों ने एएनआई को बताया कि इसके लिए सुरक्षाबलों की एक छोटी टुकड़ी को यह देखने के लिए मौके पर भेजा गया कि चीनी सैनिकों ने समझौते के मुताबिक पोस्ट हटा ली है या नहीं। इसमें 16 बिहार रेजिमेंट के सैनिक सबसे अधिक थे। 

भारतीय सैनिक वहां जब पहुंचे तो उन्होंने देखा कि चीन की निगरानी पोस्ट में 10-12 सैनिक मौजूद थे। भारतीय सैनिकों ने उनसे कहा कि दोनों सेनाओं में हुए समझौते के मुताबिक वे पीछे चले जाएं। चीनी सैनिकों ने वहां से हटने से इनकार कर दिया। भारतीय सैनिक यह सूचना देने के लिए यूनिट में वापस आ गए। 

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उस समय वहां करीब 50 सैनिक गए थे और 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू उनका नेतृत्व कर रहे थे। जब भारतीय सैनिक अपने पोस्ट पर वापस आए तो इस बीच चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी में पीछे मौजूद सैनिकों को बुला लिया। इस बार वहां करीब 300-350 सैनिक आ गए। 

भारतीय सैनिकों के वहां दोबारा आने से पहले चीनी सैनिकों की संख्या बढ़ चुकी थी। उन्होंने पोस्ट के आसपास पोजिशन ले ली थी। पत्थर, रॉड जैसे हथियार हमले के लिए तैयार कर लिए थे। हमले के लिए पहले से घात लगाए बैठे चीनी सैनिकों ने सबसे पहले 16 बिहार रेजिमेंट के सीओ हविलदर पलानी पर हमला कर दिया। सीओ के गिरते ही भारतीय सैनिक भी आक्रोशित हो उठे और संख्या में अधिक और ऊपर से पत्थर बरसा रहे चीनी सैनिकों पर पलटवार शुरू किया। 

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यह संघर्ष तीन घंटे से अधिक समय तक यानी देर रात तक चलता रहा, इसमें कई चीनी सैनिक या तो गंभीर रूप से घायल हो गए या मारे गए। सूत्रों ने बताया कि अगली सुबह जब वहां सबकुछ शांत हो चुका था, चीनी सैनिकों की लाशें वहां बिखरी पड़ी थीं। भारतीय सैनिकों ने चीनी शवों को पड़ोसी देश के दूसरे सैनिकों को सौंपा।  

बताया गया कि भारत की तरफ से करीब 100 सैनिक थे, जबकि चीनी करीब 350 थे। इस संघर्ष के बीच बिहारी जाबांजों ने चाइनीज पोस्ट को उखाड़ फेंका। इस घटना के बाद पीछे के इलाकों में सैनिकों की संख्या और ज्यादा बढ़ा दी। सूत्रों ने कहा कि संख्या में कहीं अधिक होने और पहले से हमले के लिए तैयार चीनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और 'बिहारियों' ने उनकी वह पोस्ट उखाड़ फेंकी, जिसे चीनी समझौते के बावजूद छोड़ने को तैयार नहीं थे। 

अब अगले कुछ दिनों में पेट्रोलिंग पॉइंट 14, 15 और 17A के पास स्थिति को सामान्य करने के लिए भारत और चीन में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत पर विचार चल रहा है।   

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