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केरल में लू का कहर, अब तक 3 की मौत, हाई अलर्ट जारी

केरल में बीते दो दिन में लू से तीन लोगों की मौत के संदिग्ध मामले सामने आने के बाद अधिकारियों ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। विशेषज्ञों ने आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी की चेतावनी दी...

केरल में लू का कहर, अब तक 3 की मौत, हाई अलर्ट जारी
हिटी ,तिरुवनंतपुरम|Mon, 25 Mar 2019 11:18 PM
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केरल में बीते दो दिन में लू से तीन लोगों की मौत के संदिग्ध मामले सामने आने के बाद अधिकारियों ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। विशेषज्ञों ने आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी की चेतावनी दी है।

राज्य में रविवार को लू से दो मौतों की रिपोर्ट आई थी। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण केरल के पारश्शाला गांव में एक आदमी अपने धान के खेत में मृत पाया गया। जबकि राज्य के उत्तरी इलाके के पय्यन्नूर गांव में एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई। इस संबंध में पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 174 के तहत अप्राकृतिक मौत के लिए मामले दर्ज किए हैं। 

डॉक्टरों ने कहा कि इन मौतों की सही वजह पोस्टमार्टम परीक्षण के बाद ही मालूम हो पाएगी। इस बीच, मौसम विशेषज्ञों ने आगाह किया कि राज्य में अगले दो दिन में प्रचंड गर्मी पड़ सकती है, क्योंकि इसके आठ जिलों में तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि होने की संभावना है।

केरल ने पिछले साल बाढ़ की वीभिषिका झेली थी, जिसमें 400 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। उसके छह महीने बाद से वह भयानक सूखे की चपेट में हैं। विशेषज्ञों ने लू की चेतावनी दी है, जो राज्य के लिए अप्रत्याशित है। उन्होंने कहा है कि लू की स्थिति एक महीने से अधिक समय तक बनी रहेगी। पारा चढ़ने के साथ, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य सरकार को अपने निर्देशों को सख्ती से लागू करने को कहा है। 

राज्य में आर्द्रता का स्तर काफी अधिक है। ऐसे में तापमान में बढ़ोतरी धूप में निकलने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकता है। आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने लोगों को आने वाले दिनों में लू से बचने को लेकर जरूरी उपायों की सूची जारी की है। जबकि श्रम विभाग ने काम के घंटों में फेरबदल किया और अगले आदेश तक 11 बजे दिन से अपराह्न तीन बजे तक बाहर काम करने पर रोक लगा दी। निर्माण स्थलों और किसानों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने राज्य के निवासियों को स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है।

विशेषज्ञों ने कहा कि बीते अगस्त में आई भीषण बाढ़ के दौरान राज्य की हरियाली का बड़े पैमाने पर विनाश, मिट्टी की ऊपरी परत हटने के कारण भूजल के रिचार्ज होने में कठिनाई, अल नीनो का प्रभाव और बदलता निर्माण मॉडल अचानक तापमान में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हो सकता है। अगर राज्य में यह स्थिति जारी रहती है तो इसके निवासियों को भीषण गर्मी और पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। 

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