हिन्दुस्तान विशेष: दूसरे संस्थान से मनपसंद कोर्स भी कर सकेंगे, क्रेडिट अंक भी जुड़ेंगे
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक (नैक बैंक) की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। नैक बैंक बन जाने के बाद एक संस्थान के छात्र किसी दूसरे मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा...
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक (नैक बैंक) की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। नैक बैंक बन जाने के बाद एक संस्थान के छात्र किसी दूसरे मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थान से मनपसंद कोर्स कर सकेंगे और उसका क्रेडिट उनके मुख्य कोर्स में जुड़ जाएगा। नैक बैंक अगले अकादमिक सत्र से काम करना शुरू कर देगा। यूजीसी के उपाध्यक्ष डॉ. भूषण पटवर्धन ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप ही नैक बैंक की कल्पना की गई है। यह एक केंद्रीय डिपॉजिटरी होगा। जिसमें छात्रों द्वारा अर्जित किए गए क्रेडिट स्कोर को रखा जाएगा। नैक बैंक की सहायता से छात्र देश के किसी भी कोने से क्रेडिट देने वाले कोर्स, गतिविधि कर सकेंगे। इसके लिए छात्रों को नैक बैंक में खाते खुलवाने होंगे, जो ऐच्छिक होगा। डॉ. पटवर्धन ने बताया कि यदि कोई बीएससी करने वाली छात्रा मान्यता प्राप्त संस्थान से भरतनाट्यम सीखती है या फोटोग्राफी का कोर्स करती है तो इसके लिए निर्धारित क्रेडिट उसके नैक बैंक में स्थिति खाते में जमा हो जाएगा और आगे ये क्रेडिट उसके मुख्य कोर्स के क्रेडिट से जुड़ जाएगा।अलग-अलग विषयों के क्रेडिट की अलग-अलग आयु सीमा होगी और उस क्रेडिट को उसकी आयुसीमा समाप्त होने से पहले इस्तेमाल करना होगा। मुख्य कोर्स से इतर विषयों के जरिए अधिकतम 20 फीसदी क्रेडिट ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।
ट्रांसफर नहीं होंगे क्रेडिट
छात्रों द्वारा किसी संस्थान से अर्जित क्रेडिट उसके समकक्ष या निम्न स्तर के संस्थानों में स्थांतरित हो सकेंगे, लेकिन निम्न स्तर के संस्थान से मिले क्रेडिट उच्च स्तर के संस्थानों में नहीं चलेंगे। जैसे नैक ए ग्रेडिंग वाले संस्थान के क्रेडिट ए, बी और सी श्रेणी के संस्थानों में मान्य होंगे, जबकि नैक सी ग्रेड संस्थानों की क्रेडिट समकक्ष में चलेंगे।