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हिन्दुस्तान पूर्वोदय 2019: अमित शाह ने कहा- अगले चुनाव तक नक्सलवाद पर काबू पा लिया जाएगा, पढ़ें 10 खास बातें

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि धारा 370 को लेकर हम हमेशा से मानते थे कि ये अस्थायी है। 370 हटाने की तैयारी शुरू से चल रही थी। अनुच्छेद 370 हटाना हमारा अधिकार था हमने किया। कश्मीर...

हिन्दुस्तान पूर्वोदय 2019: अमित शाह ने कहा- अगले चुनाव तक नक्सलवाद पर काबू पा लिया जाएगा, पढ़ें 10 खास बातें
लाइव हिन्दुस्तान टीम,रांचीWed, 18 Sep 2019 05:15 PM
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि धारा 370 को लेकर हम हमेशा से मानते थे कि ये अस्थायी है। 370 हटाने की तैयारी शुरू से चल रही थी। अनुच्छेद 370 हटाना हमारा अधिकार था हमने किया। कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है, इसे लेकर युद्ध का सवाल ही नहीं है। कश्मीर पर पूरा विश्व भारत के साथ है। झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित 'हिन्दस्तान पूर्वोदय सम्मेलन 2019' में हिन्दुस्तान अखबार के प्रधान संपादक शशि शेखर के साथ खास बातचीत में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कश्मीर, धारा 370, एनआरसी, राम मंदिर जैसे कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। जानें अमित शाह द्वारा कही 10 खास बातें- 

1. राम मंदिर पर क्या बोले अमित शाह
हिन्दुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर ने उनसे सवाल पूछा- अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर बनने के पक्ष में आता है तो क्या आप स्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं? इसके जवाब में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मंदिर मुझे नहीं बनाना है। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से जिस ट्रस्ट के पास जमीन जाएगी, उसके हिसाब से कार्रवाई आगे बढ़ेगी। अयोध्या के पिछले कुछ समय से चल रहे विकास से जुड़े प्रश्न पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा नहीं कि सिर्फ अयोध्या का विकास हो रहा है। बल्कि सभी देशभर के सभी देव स्थानों का विकास हो रहा है। अंबाजी, विंध्यावासनी जैसे अनेक मंदिरों का विकास हो रहा है। अदालत का जो भी फैसला आता है, वो अंतत: सबको स्वीकारना पड़ता है। 

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2. कश्मीर के विकास की राह में बाधा थी 370
सवाल- धारा 370 हटाने वाली योजना आप अचानक लेकर आए या इसे हटाने की तैयारी चल रही थी। 
अमित शाह ने कहा- जब से धारा 370 हिंदुस्तान का हिस्सा बनी थी, तभी से हम मांग करते रहे हैं कि धारा 370 अस्थाई है, उसको हटा दिया जाए। हमारी तैयारी भी उसी दिन से चल रही थी। हमारे एजेंडे में तो ये शुरू से था। जब नहीं हो रहा था तो आप सवाल करते थे, धारा 370 का क्या कर रहे हैं और जब हमने हटा दिया तो उल्टे फिर आप ही सवाल कर रहे हो कैसे हटा दिया

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कश्मीर में कोई पाबंदी नहीं हैं।  
इंटरनेट आने के 16 सालों बाद वहां इंटरनेट शुरू हुआ। मोबाइल आने के बाद 17 सालों बाद वहां मोबाइल शुरू हुआ। कांग्रेस पार्टियों की नीतियों की वजह से कश्मीर में मारे गए 41000 लोगों के मानवाधिकारों का क्या? जो बच्चे यतीम हो गए। महिलाएं विधवा हो गई उनके मानव अधिकारों का  क्या हुआ।  भारत की संसद ने अपने अधिकारों का उपयोग किया है।  अब कश्मीर में स्वास्थ्य सुविधा भी पहुंचेंगी। एजुकेशनल इंस्टीट्यूट खुलेंगे। अच्छे होटल में खुलेंगे। रोजगार बढ़ेंगे। नए उद्योग लगेंगे। एक प्रकार से धारा 370 कश्मीर और उसके विकास के बीच का बहुत बड़ी बाधा थी जो नरेंद्र मोदी ने हटा दिया।
लगभग 106 कानून ऐसे थे जो धारा 370 की वजह से लागू नहीं हो पाते थे। कश्मीर के एंटी करप्शन कानून नहीं था। 70 सालों के अंदर कश्मीर में कितना करप्शन हुआ है।  2 लाख 77 हजार करोड़ रुपया भारत सरकार ने कश्मीर के विकास के लिए भेजा। बीच के लोगों ने इसे खाने का काम किया। 

2. कश्मीर पर पाबंदी और उसे लेकर युद्ध 
कश्मीर के 196 में से सिर्फ 8 पुलिस क्षेत्रों के अंदर धारा 144 लागू है और कहीं ऐसा नहीं हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में कोई पाबंदी नहीं है। मानव अधिकारों को मोबाइल व इंटरनेट पर पाबंदी से जोड़कर देखना गलता है। पाकिस्तान की बात यहां रखना गलत है। 

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3. कश्मीर को लेकर युद्ध का कोई सवाल ही नहीं
कश्मीर भारत का हिस्सा है। इसे लेकर भारतीय संसद को निर्णय लेने का अधिकार है। इसे लेकर कोई युद्ध की स्थिति नहीं है। पूरा विश्व कश्मीर को लेकर भारत के साथ है। विश्व समझता है कि सरहद पार से आने वाले आतंकवाद में पाकिस्तान का बड़ा रोल है।

4. देशभर में होना लागू होना चाहिए NRC: अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि पूरे देशभर में एनआरसी होना चाहिए। 2019 चुनाव में हमने लोगों से कहा था कि हम एनआरसी लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है जहां पर कोई भी जाकर बस सकता है तो फिर भारत में क्यों। न केवल असम बल्कि पूरे देश में हम एनआरसी लेकर आएंगे हमने देश की जनता से वादा किया है इसका नाम है नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन इसका नाम नेशनल रजिस्टर ऑफ असम नहीं है। देश की जनता को इस पर फैसला करने का अधिकार है। क्या आप अमेरिका, इंग्लैंड जाकर बस सकते हैं? तो फिर भारत में कोई भी कैसे बस सकता है। 

5. हिंदी भाषा पर मेरे बयान को ध्यान से सुनें
जो लोग मेरे बयान पर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि वे जाकर पहले मेरा भाषण सुनें। हिंदी वाले बयान पर अमित शाह ने कहा कि राजनीति करने का सबको अधिकार है लेकिन मेरे बयान को ध्यान से सुनना चाहिए। गौरतलब है कि शाह ने हिंदी दिवस के मौके पर कहा था कि आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है।  मैं भी नॉन हिंदीभाषी प्रदेशों से आता हूं। मैंने बार-बार कहा कि भारतीय भाषाओं को मजबूत करना चाहिए। भारतीय भाषाओं की अनिवार्यता को समझनी चाहिए। बच्चे को मातृ भाषा में समझाने की कोशिश करें। मैंने अनुरोध किया है कि अगर देश को एक भाषा से दूसरी भाषा सीखनी हो तो वह हिंदी से सीखें। इसमें क्या बुराई है। जब कोई न्यूजीलैंड से कोई आता है तो उनसे पूछता हूं भैया आप की भाषा क्या है, तो आंख नहीं मिला पाते। हम नहीं चाहते कि हमारी हालत भी भाषा को लेकर न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी हो जाए। 
अमित शाह ने कहा कि मुझे लगता है कि कुछ भी सख्ती से इंप्लीमेंट करना वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। जहां तक देशहित का सवाल होता है देश की सुरक्षा का सवाल होता है तो वह पूरी कठोरता के साथ शक्ति करना चाहिए। इसमें कोई मीन मेख नहीं होना चाहिए। 

6. साइबर अपराध रोकने के लिए बनी है नीति
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए नीति बनी है, ट्रेनिंग दी गई है। कई राज्यों ने अच्छा काम भी किया है लेकिन जब तक कोई ढंग का कानून नहीं बनता तब तक रोकने के लिए कुछ करना होगा।

7. अगले आम चुनाव तक नक्सलवाद पर काबू पा लिया जाएगा
पूर्वोदय 2019 में नक्सलवाद को लेकर अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के पहले कार्यकाल में इसे काफी हद तक अंकुश में किया गया है। हमें भरोसा है कि जब हम दोबारा चुनाव में जाएंगे तब तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करवा लेंगे।

8. फारुख अब्दुल्लाह को 2 साल तक रोकने की किसी ने बात नहीं की
गृहमंत्री अमित शाह ने फारूक अब्दुल्ला को लेकर कहा कि उनको सिर्फ सुरक्षा की दृष्टि से नजरबंद रखा गया है। दो साल तक हिरासत में रखने की कोई बात ही नहीं है। 

9. झारखंड, हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र में हम जीतेंगे, 
प्रचंड बहुमत के साथ झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र में हम सत्ता में आएंगे। दिल्ली की जनता को भी पता लग गया है कि पिछली बार का प्रयोग विफल रहा है। हम दिल्ली एमसीडी में जीते हैं। इसलिए दिल्ली में भी जीतेंगे। दिल्ली सरकार ने वादे ढेरों किए लेकिन बताएं कि कितने पूरे किए। केजरीवाल बताएं कि चुनाव से पहले इतनी घोषणाएं क्यों। सत्ता में आते ही यह किया होता तो इसकी जरूरत ही नहीं पड़ती।

10. परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति कांग्रेस की देन: शाह
हिन्दुस्तान पूर्वोदय में अमित शाह ने कहा कि परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति कांग्रेस की देन है। मैं मानता हूं कि विपक्ष होना चाहिए लेकिन विपक्ष बनाने की जिम्मेवारी मेरी नहीं है वह जनता ही बन सकती है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि विपक्ष होना चाहिए लेकिन विपक्ष बनाने की जिम्मेवारी मेरी नहीं है वह जनता ही बन सकती है। हिंदी भाषा को लेकर उपजे विवाद पर अमित शाह ने कहा कि मैं भी नॉन हिंदीभाषी प्रदेशों से आता हूं मैंने बार-बार कहा कि भारतीय भाषाओं को मजबूत करना चाहिए भारतीय भाषाओं की अनिवार्यता को समझनी चाहिए बच्चा मात्री भाषा में समझाने की कोशिश। मैंने अनुरोध है कि अगर देश को एक भाषा से दूसरी भाषा सीखनी हो तो वह हिंदी हिंदी सीखो इसमें क्या बुराई है है। 
 

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