Hindustan Exclusive: गोमुख से कोलकाता तक गंगाजल सिर्फ चार स्थानों पर ही पीने लायक
निर्मल गंगा और अविरल गंगा की भले ही कितनी बातें की जाती हों लेकिन गंगाजल आज भी पीने योग्य नहीं है। देश के कई ऐतिहासिक शहरों से होकर गुजरने वाली गंगा के तटों पर स्थापित किए गए गुणवत्ता निगरानी...
निर्मल गंगा और अविरल गंगा की भले ही कितनी बातें की जाती हों लेकिन गंगाजल आज भी पीने योग्य नहीं है। देश के कई ऐतिहासिक शहरों से होकर गुजरने वाली गंगा के तटों पर स्थापित किए गए गुणवत्ता निगरानी केंद्रों की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक गोमुख से कोलकाता तक सिर्फ चार स्थानों पर गंगाजल की गुणवत्ता ए श्रेणी की है। बाकी स्थानों पर पानी की गुणवत्ता कहीं ज्यादा खराब पाई गई है। जानकारों ने इस स्थिति को बेहद गंभीर बताया है।
पर्यावरण मंत्रालय द्वारा स्थापित 66 गुणवत्ता निगरानी केंद्र गंगाजल की गुणवत्ता की निगरानी कर रहे हैं। इसका रियलटाइम डाटा अब ऑनलाइन भी उपलब्ध है। यह केंद्र पानी में डिजॉल्व आक्सीजन (डीओ), बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड, टोटल कोलीफार्म तथा पीएच की जांच करते हैं। इन चार मानकों के आधार पर गंगाजल की गुणवत्ता तय की जाती है।
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इन स्थानों पर ट्रीटमेंट के बिना पीना खतरनाक
गुणवत्ता निगरानी रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के दो, उत्तर प्रदेश में एक और बिहार में तीन स्थानों पर ही गंगाजल की गुणवत्ता सी श्रेणी की पाई गई। यहां के गंगाजल को ट्रीटमेंट और कीटाणुशोधन के बाद पीने योग्य बनाना संभव है। इनमें उत्तराखंड से हरिद्वार, रुड़की, यूपी से गढ़मुक्तेश्वर और बिहार से आरा-छपरा ब्रिज, जनता घाट तथा राजमहल शामिल हैं।
यहां पीने योग्य
गुणवत्ता निगरानी केंद्रों के आंकड़ों की मानें तो तय मानकों पर केवल रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग,ऋषिकेश तथा मध्य गंगा ब्रिज बिजनौर में ही गंगाजल की गुणवत्ता ए श्रेणी की पाई गई है। यानी इन चार स्थानों के गंगाजल को कीटाणुशोधन के बाद पिया जा सकता है।
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इन मानकों पर परखा गया
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगाजल के लिए जो मानक रखे हैं, उनके अनुसार डीओकी मात्रा प्रति लीटर 6 मिलीग्राम से ज्यादा होनी चाहिए। जबकि बीओडी की मात्रा दो मिलीग्राम से कम होनी चाहिए। कोलीफार्म प्रति 100 मिलीलीटर पानी में 50 से नीचे होने चाहिए। जबकि पीएच 6.5 से 8.5 के बीच होना चाहिए। इन पैरामीटर में सिर्फ चार केंद्र खरे उतरे हैं।
इन इलाकों में गुणवत्ता खराब
स्थान - डीओ - बीओडी - कोलीफार्म - पीएच
बिठूर 7.0 3.1 3500 7.85
रायबरेली 8 3.80 7700 7.78
इलाहाबाद 7.4 3.1 11000 7.95
मिर्जापुर 6.6 3.40 2400 7.97
फतुआ 6.5 2.5 14000 7.26
पटना 6.6 2.6 7000 7.37
कहलगांव 6.5 2.1 35000 7.06
बेहरामपुर 6.8 3.8 50000 7.5
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हरिद्वार में भी स्थिति ठीक नहीं
स्थान - डीओ - बीओडी - कोलीफार्म - पीएच
हरिद्वार 10.6 1 2 80 8.29
रुड़की 8.2 1 1 10 8.27
गढ़मुक्तेश्वर 8.2 2.7 450 7.4
आरा-छपरा 7.1 2.1 4600 7.43
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यहां का पानी ए श्रेणी का
स्थान - डीओ - बीओडी - कोलीफार्म - पीएच
रुद्रप्रयाग 9 1 2 7.68
देवप्रयाग 9.6 1 2 7.88
ऋषिकेश 9.6 1 40 7.62
बिजनौर 9.3 1.4 -- 7.6