ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशएचटी एनालिसिस : लोकसभा चुनाव पर प्रभाव डालने वाले नहीं हो सकते हैं विधानसभा 2018 के नतीजे

एचटी एनालिसिस : लोकसभा चुनाव पर प्रभाव डालने वाले नहीं हो सकते हैं विधानसभा 2018 के नतीजे

यह जरूरी नहीं कि 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम जैसे राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के नतीजे 2019 के लोकसभा चुनाव पर असरकारी हों। विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर...

एचटी एनालिसिस : लोकसभा चुनाव पर प्रभाव डालने वाले नहीं हो सकते हैं विधानसभा 2018 के नतीजे
रोशन किशोर और अर्जुन श्रीनिवास। हिटीSun, 18 Nov 2018 06:48 PM
ऐप पर पढ़ें

यह जरूरी नहीं कि 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम जैसे राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के नतीजे 2019 के लोकसभा चुनाव पर असरकारी हों।

विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर 2019 के चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन पर कयास भी लगाए जा रहे हैं। राजनीति में आने से पहले चुनाव विश्लेषक रहे योगेंद्र यादव अपने लेख में कहते हैं कि हिंदी प्रदेश के राज्यों में खराब प्रदर्शन के बाद भाजपा की 2019 के लोकसभा चुनाव में 100 के आसपास सीटें कम हो सकती हैं। पर सीएसडीएस-लोकनीति में यादव के सहयोगी रहे संजय कुमार का विश्लेषण इससे इतर है। उनका मानना है कि माइक्रो मैनेजमेंट के कारण भाजपा को इस तरह का घाटा नहीं होगा। हिन्दुस्तान टाइम्स का डाटा विश्लेषण भी कहता है 2018 में जो भी परिणाम आएं वह जरूरी नहीं है कि वे 2109 के ट्रेंड सेटर हों।

छत्तीसगढ़ सत्ता संग्राम: रमन सिंह की निर्विवाद छवि पर भाजपा को भरोसा
 
प्रमुख विचारणीय बिंदु
1. ऐसा मानना है कि भाजपा के लिए हिंदी प्रदेशों में अच्छा प्रदर्शन करना केंद्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी होगा।
2. पर राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में अच्छा या खराब प्रदर्शन साल 2019 में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर सही आकलन नहीं हो सकता है। 
3 साल 1999 से 2004 के बीच भाजपा ने हिंदी प्रदेशों में अच्छा प्रदर्शन किया था पर पार्टी का कुल आंकड़ा उत्तर प्रदेश और बिहार में खराब प्रदर्शन के कारण कम रहा। 
4. साल 2014 में भाजपा ने कई उन सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल की जिन्हें विरोधी पार्टियों का गढ़ माना जाता था। 
5. बड़े अंतर से जीती गई ज्यादातर सीटों पर दुबारा जीत मिलती रही है, सिर्फ 1985 से 1989 के बीच बड़े अंतर से जीती गईं कई सीटों पर उन्ही पार्टियों को दुबारा जीत नहीं मिली। 
 
चार्ट -1
हिंदी प्रदेशों से जीतने वाले भाजपा सांसद 
साल    संयुक्त बिहार  संयुक्त मप्र     संयुक्त उप्र  राजस्थान  दिल्ली हरियाणा  हिमाचल  कुल 
1999     23               129             29         16           7             5            3        112
2004     06                  35            13        21           1              1             1        78
2009    20                  26            10         4                                            3        63    
2014    34                 37            76        25              7             7            4            190

2014 में बड़े अंतर से जीती गईं सीटें ज्यादा
साल 2014 के चुनाव परिणामों की बात करें तो भाजपा ने कुल 282 सीटों में से 40 फीसदी से ज्यादा सीटों को  20 फीसदी से ज्यादा अंतर से जीता था। वहीं महज एक चौथाई सीटें थीं जहां जीत का अंतर दस फीसदी से कम था। 

बड़ी जीत वाली सीटों पर फिर जीत की संभावना ज्यादा
साल 1984 से 2014 के बीच लोकसभा चुनाव में जीत हार के आंकड़ो का विश्लेषण बताता है कि जिन सीटों पर बड़े अंतर से जीत मिली वहां अगले चुनाव में जीत की भी संभावना बनी रहती है। हालांकि 2004-09 और 1984-1989 में इसका अपवाद दिखाई देता है। हालांकि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति लहर में कांग्रेस को बंपर जीत मिली थी और कांग्रेस उसे 1989 में कायम नहीं रख पाई। 

भाजपा की बड़ी जीत थी 2014
2014 की जीत भी भाजपा के लिए बड़ी जीत थी क्योंकि 30 सालों में किसी पार्टी को पहली बार सरकार चलाने के लिए 282 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें