NRC : BJP पर कांग्रेस का पलटवार, बंटवारे की कर रही राजनीति
कांग्रेस ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान को लेकर उन पर पलटवार करते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए सत्तारूढ़ पार्टी समाज में दुर्भावना पैदा...
कांग्रेस ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान को लेकर उन पर पलटवार करते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए सत्तारूढ़ पार्टी समाज में दुर्भावना पैदा कर देश का अहित कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा की मानसिकता रचनात्मक नहीं है। पार्टी दुर्भावना फैलाने में और समाज में बंटवारा लाने में विश्वास रखती है।
आनंद शर्मा ने कहा कि मेरी चुनौती है कि अगर इसमें जरा भी सच्चाई है तो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री आकर इस बात को सदन के अंदर दोहराएं। ये देश के लिए दुर्भाग्य की बात है कि सत्ताधारी दल का नेतृत्व अपनी जिम्मेवारी को नहीं समझता है और वे छोटे राजनीतिक लाभ के लिए देश का अहित करते हैं। अमित शाह ने आज राज्यसभा में कहा कि असम में एनआरसी 1985 में कांग्रेस द्वारा घोषित योजना का परिणाम है और इसे लागू करने की कांग्रेस में हिम्मत नहीं थी इसलिए यह योजना अब तक लंबित रही।
शर्मा ने कहा कि एनआरसी की प्रकिया में दोष है। बड़ी संख्या में अपने नागरिक इससे बाहर किए गए। इससे जो लोग प्रभावित हैं वो बंगाल, बिहार और दूसरे राज्यों के लोग हैं। उच्चतम न्यायालय की आड़ में भाजपा और सरकार को राजनीति नहीं करनी चाहिए। यह संवेदनशील विषय है। उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों के लोग अलग-अलग प्रांतों में रहते हैं। इसलिए इसकी सही जांच होनी चाहिए ताकि कोई भारतीय नागरिक अपने अधिकार से वंचित नहीं रह जाए। शर्मा ने कहा कि विपक्ष को यह चिंता है कि अगर इतनी बड़ी संख्या में लोग बिखरते हैं तो क्या होगा। इसकी जिम्मेदारी सरकार और राज्य की बनती है। अपने ही देश में अपने नागरिक शरणार्थी नहीं बन सकते।
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उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विभाजन की लकीर खींच रही है। वह आने वाले चुनाव के मद्देनजर समाज में दुर्भावना पैदा करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग गृह मंत्री के बयान से उलट बात कर रहे हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा था कि यह काम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है और सभी को अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का बहु-प्रतीक्षित दूसरा एवं आखिरी मसौदा 2.89 करोड़ नामों के साथ कल जारी कर दिया गया। एनआरसी में शामिल होने के लिए असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था। इस दस्तावेज में 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली है।