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'मेरे सामने ही 39 भारतीयों को ISIS ने गोलियों से भून डाला था'

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज राज्यसभा में इस बात की जानकारी दे दी है कि साल 2014 में लापता हुए 39 भारतीय मारे जा चुके हैं। सुषमा ने इस बात की भी पुष्टि कर दी है कि सभी भारतीयों को आईएसआईएस के...

'मेरे सामने ही 39 भारतीयों को ISIS ने गोलियों से भून डाला था'
नई दिल्ली। लाइव हिन्दुस्तानTue, 20 Mar 2018 12:57 PM
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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज राज्यसभा में इस बात की जानकारी दे दी है कि साल 2014 में लापता हुए 39 भारतीय मारे जा चुके हैं। सुषमा ने इस बात की भी पुष्टि कर दी है कि सभी भारतीयों को आईएसआईएस के आतंकियों ने ही मारा है। बता दें कि इससे पहले आईएसआईएस के चंगुल से छूटकर भारत लौटे गुरदासपुर के हरजीत मसीह ने भी ये दावा किया था कि सभी भारतीय मारे जा चुके हैं लेकिन पुष्टि ना होने तक सरकार इस बात पर भरोसा जता रही थी कि सभी भारतीय जिंदा। 

भारत वापस आकर हरजीत मसीह ने बताई थी पूरी कहानी :

आईएसआईएस के चंगुल से छूटकर आए हरजीत ने बताया था कि वह अपने कुछ साथियों के साथ 2013 में इराक गया था वहां उसे कुछ बांग्लादेशी भी मिले थे। भारत से आए ज्यादातर नौजवान मिस्री और चालक का काम कर रहे थे। मसीह ने बताया कि जिस जगह वो सब काम कर रहे थे उस जगह एक दिन अचानक आईएसआईएस आतंकियों ने धावा बोल दिया और सभी का अपहरण कर लिया। आतंकियों ने करीब 80 लोगों को अपहरण किया जिनमें 40 बांग्लादेशी थे और 40 भारतीय। इन 40 भारतीयों में हरजीत मसीह भी शामिल था।  

हरजीत ने बताया कि हम लोगों को कहा गया कि कुछ दिन बाद हमें वापस अपने देश भेज दिया जाएगा। उसके बाद हमें गाड़ियों में बंद करके पहाड़ी क्षेत्र ले जाया गया जहां हमें बांग्लादेशियों से अलग कर दिया गया। मसीह ने दावा किया था कि बंधक बनाने के करीब चार दिन बाद आतंकियों ने सभी भारतीयों में लाइन से खड़ा करके गोलियों से भून दिया। 

लेकिन गोली उसके पैर में लगने के कारण वो बच गया और जैसे-तैसे खुद को बांग्लादेशी बताकर वहां से भाग निकला। इसके बाद वह एक टैक्सी चालक की मदद से भारतीय काउंसलेट का कार्यालय पहुंचा और कुछ दिन बाद उसे भारत वापस भेज दिया गया। 2014 में जब वह दिल्ली पहुंचा तो भारतीय एंबेसी ने उसे जान का खतरा बताकर अपनी हिरासत में रखा। भारत आकर हरजीत ने दावा किया था कि  बाकी बचे 39 भारतीयों में से कोई भी जिंदा नहीं है। उसने ये भी बताया था कि आतंकियों ने किसी भी बांग्लादेशी को नहीं मारा था। लेकिन तब हरजीत की बात पर किसी ने भरोसा नहीं किया था।

अब पुष्टि हो जाने के बाद विदेश मंत्री ने भी जानकारी दे दी है कि हरजीत सिंह ने जो भी बताया था वो सच था। और वो 39 भारतीय, आईएसआईएस आतंकियों को हाथों मारे जा चुके हैं। 

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