सवर्ण आरक्षण: कोटे को लागू करने के लिए बढ़ाई जाएंगी 25 प्रतिशत सीटें
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में इसी सत्र से 25 फीसदी सीटें बढ़ाने का फैसला किया है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को बताया कि यह कदम गरीब...
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में इसी सत्र से 25 फीसदी सीटें बढ़ाने का फैसला किया है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को बताया कि यह कदम गरीब सवर्णों को उच्च शिक्षा में 10% आरक्षण के मद्देनजर उठाया गया है। साथ ही यहभी स्पष्ट किया कि यह आरक्षण निजी उच्च शिक्षा संस्थानों पर भी लागू होगा।
एसएसी-एसटी की सीटों पर नहीं होगा असर
मानव संसाधन विकास मंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय, यूजीसी और एआईसीटीई के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें उच्च शिक्षण संस्थानों में गरीब सवर्णों को आरक्षण लागू करने के बाबत चर्चा हुई और आगामी अकादमिक सत्र से सीटें बढ़ाने का फैसला किया गया। नए आरक्षण के चलते एससी, एसटी, ओबीसी व सामान्य वर्ग की वर्तमान सीटों में कमी न आए। इसके लिए सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में करीब 25 फीसदी सीटें बढ़ाई जाएंगी।
पूर्व NSA नारायणन बोले- एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर किताब में 80 प्रतिशत दावे झूठे
प्रॉस्पेक्टस में आरक्षण से जुड़ी जानकारी रहेगी
जावड़ेकर ने बैठक के बाद बताया कि देश के 40 हजार कॉलेजों एवं 900 विश्वविद्यालयों में गरीब सवर्णों को आरक्षण इसी साल से लागू कर दिया जाएगा। उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर से जारी किए जाने वाले प्रॉस्पेक्टस में इस आरक्षण के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस आरक्षण से किसी अन्य श्रेणी के लोगों के लिए सीटों में कमी न हो, इसलिए इसे सीटों की संख्या को बढ़ाकर लागू करने का फैसला किया है।
सभी संस्थान दायरे में
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि सभी संस्थानों में तकरीबन 25 फीसदी सीटों की बढ़ोतरी करनी पड़ेगी। इनमें ट्रिपल आईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईआईएसई आदि संस्थान शामिल हैं। गौरतलब है कि 7 जनवरी को सरकार ने गरीब सवर्णों को नौकरियों और उच्च शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण का ऐलान किया था। संसद और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया गया है।
उच्च शिक्षण संस्थानों में सीटें बढ़ाने के संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, यूजीसी व एआईसीटीई एक हफ्ते में आदेश जारी कर देंगे। फिर यूजीसी और एआईसीटीई अपने अंतर्गत आने वाले संस्थानों को इसकी सूचना देंगे।