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विकास के लिए 2 साल में 7 लाख करोड़ अतिरिक्त खर्च करेगी सरकार

आने वाले सालों मे सरकार देश के विकास के लिए अपने खजाने और खोलने का इरादा बना चुकी है। वित्त मंत्रालय ने अनुमान जारी किया है कि मौजूदा साल के मुकाबले अगले 2 सालों में 7 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च...

विकास के लिए 2 साल में 7 लाख करोड़ अतिरिक्त खर्च करेगी सरकार
नई दिल्ली। सौरभ शुक्लFri, 10 Aug 2018 12:50 PM
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आने वाले सालों मे सरकार देश के विकास के लिए अपने खजाने और खोलने का इरादा बना चुकी है। वित्त मंत्रालय ने अनुमान जारी किया है कि मौजूदा साल के मुकाबले अगले 2 सालों में 7 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए जाएंगे। सरकार ने अगले वित्त वर्षों 2019-20 और 2020-21 के लिए मध्यावधि खर्च के अनुमानित आंकड़े जारी कर दिए हैं। 2019-20 में देश में कुल खर्च 26.42 लाख करोड़ रुपये होगा जबकि 2019-20 में ये आंकड़ा 29.2 लाख करोड़ रुपये होगा। इस वित्त वर्ष में ये आंकड़ा 24.42 लाख करोड़ रुपये है।

खर्च में बढ़त का सबसे बड़ा हिस्सा रक्षा क्षेत्र को मिलने वाला है। सरकार सैन्य क्षमता को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करने की तैयारी में है और कुल रक्षा बजट में अगले 2 सालों में 80 हजार करोड़ रुपये की बढ़त करने का प्रस्ताव है। 

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लंबे समय से थी सैन्य बजट बढ़ाने की मांग

लंबे समय से मांग थी कि सेना को आधुनिक बनाने के लिए सैन्य बजट में सेना की क्षमता विस्तार की रकम का हिस्सा बढ़ाया जाए। अगले 2 सालों में सरकार इसमें 26 हजार करोड़ रुपये की बढ़त करने जा रही है और ये आंकडा एक लाख करोड़ रुपये के पार हो जाएगा।

मेक इन इंडिया को बढ़ावा 

जानकारों के मुताबिक सरकार रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए ये बड़ा कदम उठाने जा रही है। अगले दो सालों में सेना पर 6.6 लाख करोड़ रुपये का खर्च होगा। इसमें से बड़ा हिस्सा सेना के आधुनिकीकरण और मॉडर्न हथियारों पर खर्च होगा। 

2019-20 में सेना पर 3.15 लाख करोड़ खर्च होंगे

साल 2019-20 में सेना पर कुल खर्च 3.15 लाख करोड़ जबकि साल 2020-21 में 3.47 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। मौजूदा वित्त वर्ष में ये आंकड़ा 2.91 लाख करोड़ रुपये का है। आपको बता दें कि हाल ही में रक्षा मामलों की संसदीय समिति ने भी सरकार को तकनीक और आधुनिक हथियारों पर बजट बढ़ाने को कहा था। 

स्वास्थ्य सेवाओं पर 37.5 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च

रक्षा के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं पर बजट में भी वृद्धि की गई है। अगले 2 सालों में नए अस्पतालों और मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने पर 37.5 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होने हैं। मौजूदा साल के बजट में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए करीब 46 हजार करोड़ रुपये शामिल है। 

ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी बजट में भी इजाफा

ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी बजट में अच्छा खासा इजाफा किया जा रहा है। इसमें मौजूदा साल के 1.34 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले अगले 2 सालों में करीब 45 हजार करोड़ रुपये ज्यादा खर्च किए जाने का प्रस्ताव है। 

ऊर्जा क्षेत्र में 30 हजार करोड़ अतिरिक्त खर्च होंगे

ऊर्जा क्षेत्र में इस साल के 35.5 हजार करोड़ रुपये के मुकाबले अगले 2 सालों में 30 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी पर भी बजट बढ़ाएगी। अगले 2 सालों में केंद्रीय कर्मचारियों की तन्ख्वाह में सरकार 24 हजार करोड़ रुपए का इजाफा करेगी। इस वित्त वर्ष में सरकार 1.58 लाख करोड़ रुपए खर्च करती है। 

ग्रामीण विकास के बजट पर कैंची

जहां तमाम मदों में खर्च में बढ़त का प्रस्ताव है वहीं, ग्रामीण विकास के बजट में सरकार ने कैंची चलाई है। इसका बजट इस वित्त वर्ष के 1.37 लाख करोड़ के मुकाबले 17.6 हजार करोड़ रुपये कम रखा गया है।

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