Chinese Apps Banned In India: भारत सरकार ने टिकटॉक, यूसी ब्राउजर समेत 59 चाइनीज मोबाइल एप पर लगाया प्रतिबंध
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेनाओं के साथ हिंसक झड़प के बाद चीन को सैन्य मोर्चे पर करारा जवाब दिया गया। आर्थिक और अन्य मोर्चे पर भी उसके खिलाफ मोदी सरकार ने बड़ा कदम...
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेनाओं के साथ हिंसक झड़प के बाद चीन को सैन्य मोर्चे पर करारा जवाब दिया गया। आर्थिक और अन्य मोर्चे पर भी उसके खिलाफ मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। भारत सरकार ने 59 चाइनीज मोबाइल एप को प्रतिबंधित कर दिया है। इसमें टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, शेयर इट और अन्य चाइनीज एप शामिल हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार से कहा था कि या तो चीन से जुड़े 52 मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक कर दिया जाए या लोगों को इनका इस्तेमाल ना करने की सलाह दी जाए, क्योंकि इनका इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है।
ये वो 59 चाइनीज एप हैं, जिन्हें सरकार ने किया है बैन:
ये ऐप बड़े पैमाने पर डेटा को भारत से बाहर भेज रहे हैं। इस मामले से जुड़े लोगों ने पहले ही हिंदुस्तान टाइम्स को यह जानकारी दी थी। सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को जो लिस्ट भेजी थी उसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम, टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, एक्सएंडर, शेयर इट और क्लीन मास्टर जैसे एप शामिल थीं।
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इस साल अप्रैल महीने में गृह मंत्रालय ने जूम के इस्तेमाल को लेकर एक अडवाइजरी जारी की थी। मंत्रालय ने यह अडवाइजरी नेशनल साइबर सिक्यॉरिटी एजेंसी कंप्यूटर इमर्जेंसी रेस्पॉन्स टीम इंडिया (CERT-in) के प्रस्ताव पर जारी की थी। भारत पहला देश नहीं है जिसने सरकार में जूम एप के इस्तेमाल पर रोक लगाई।
इससे पहले ताइवान ने भी सरकारी एजेंसियों को जूम एप के इस्तेमाल से रोक दिया। जर्मनी और अमेरिका भी ऐसा ही कर चुके हैं। कंपनी ने गृह मंत्रालय की एडवाइजरी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह यूजर्स की सिक्यॉरिटी को लेकर गंभीर है।
सिक्यॉरिटी से समझौता करने वाले मोबाइल एप्स पर कार्रवाई की मांग उठती रही है। वीडियो शेयरिंग एप के स्वामित्व वाली चाइनीज इंटरनेट कंपनी बाइट डांस जैसी कंपनियां इससे इनकार करती रही थी। लेकिन अधिकारियों का कहना था कि चाइनीज डिवेलपर्स की ओर से तैयार या चाइनीज लिंक्स वाले एप भले ही वह एंड्रॉयड के लिए हों या आईओस के लिए, इनका इस्तेमाल स्पाइवेयर या अन्य नुकसान पहुंचाने वाले वेयर के रूप में हो सकता है।
ऐसी खबरें थी कि सिक्यॉरिटी एजेंसियों ने सुरक्षाकर्मियों को इन चीनी एप्स का इस्तेमाल ना करने की सलाह दी थी क्योंकि इससे उनकी डेटा सिक्यॉरिटी को खतरा है।